अलीगढ़ (जनमत):- “नूर ए हक सम्मे इलाही को बुझा सकता है “कौन”। “जिसका हामी हो खुदा उसको मिटा सकता है “कौन” | जी हाँ कहते हैं मारने वाले से बचाने वाला ज्यादा बलवान होता है। जब जिंदगी हो तो कोई न कोई इस दुनिया में उसका फरिश्ता बन कर सामने आ ही जाता है। क्योंकि ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ जिले में देखने को मिला है। जहाँ एक बिन ब्याही माँ अपने पेट में पल रहे 9 महीने के गर्भ को जन्म देने के बाद अपने कलेजे के टुकड़े को कपड़े में लपेटकर कर्मचारी गेट के पास पड़े कूड़े में ढेर में फेंक कर मौके से फरार हो गई।
इस दौरान एक दूध देने वाली महिला दूध देने के बाद वापस लौट रही थी तभी उसको कर्मचारी गेट के पास एक नवजात शिशु की रोने की आवाज सुनाई दी। रोने की आवाज सुनकर दूध देने वाली महिला कूड़े के ढेर के पास पहुँची तो वहाँ कपड़े में लिपटा एक नवजात शिशु कूड़े के ढेर में पड़ा हुआ था। नवजात शिशु अपनी माँ का दूध पीने के लिए भूख से तड़प रहा था।
जिसके बाद कूड़े के ढेर में मिले नवजात को देख उस दूध बेचने वाली महिला ने नवजात को अपने गले से लगा लिया और पूरी दुनिया के सामने उसे अपनाने की बात कहते हुए अपनी आधी संपत्ति उस नवजात लावारिस बच्चे के नाम कर दी, जब यह बात इलाके में फैली तो बच्चे को देखने के लिए महिला के घर भीड़ उमड़ पड़ी।
दरअसल माँ की ममता और लोगों के दिल को झकझोर देने वाला यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना क्वार्सी क्षेत्र के अंतर्गत स्वर्ण जयंती नगर स्थित कर्मचारी कॉलोनी का है। जहाँ खुले मैदान में दयनीय स्थिति में कपड़े में लिपटा कुछ ही घंटों का एक नवजात शिशु कूड़े के ढेर में पड़ा हुआ था। नजदीकी रहने वाले दंपत्ति की नजर जब उस बच्चे पर पड़ी तो महिला ने उस बच्चे को देखा, महिला के द्वारा बताया गया कि बच्चा नवजात शिशु था जिसकी नाल भी नहीं कटी थी तुरंत ही महिला ने नजदीकी रहने वाली आशा को मौके पर बुलाया और बच्चे की नाल कटवाई नाल कटवाने के बाद महिला बच्चे को अपने साथ घर ले गई। महिला ने उस बच्चे को पालने की इच्छा जताई किसी ने इस बात की सूचना पुलिस को दे दी, मौके पर पुलिस ने पहुँचकर जाँच पड़ताल शुरू कर दी एवं चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित कर दिया गया। जिसके बाद महिला लता ने नवजात बच्चे को अपनाने के बाद आधी संपत्ति उस बच्चे के नाम कर दी। जिसकी प्रशंसा इलाके के सभी लोगों ने की है। वहीं बच्चे को देखने के लिए महिला के घर भीड़ उमड़ पड़ी। दंपति का कहना है यह बच्चा उनको वरदान के रूप में मिला है, और अब हम इस बच्चे को अपने कलेजे का टुकड़ा समझ कर ही इसका पालन पोषण करेंगे।
वहीं ,इस मामले पर लोगों के घरों में दूध बेचकर अपने और अपने परिवार का पालन पोषण कर रही महिला लता ने बताया कि स्वर्ण जयंती नगर स्थित कर्मचारी कॉलोनी में माँ बेटे लोगों के घरों में दूध देकर अपने घर वापस लौट रहे थे | उसी दौरान कर्मचारी गेट स्थित पड़ी हुई ईटों से कुछ दूरी पर भरे हुए पानी के पास एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। नवजात बच्चे के रोने की आवाज सुनकर जब दोनों मां-बेटे मौके पर पहुँचे । तो उन्होंने देखा कुछ ही घंटे पहले इस दुनिया में जन्म लेने वाला एक नवजात शिशु कपड़े में पानी के पास लिपटा हुआ पड़ा था। जिसके बाद दोनों माँ बेटे कर्मचारी गेट पर मिले नवजात शिशु को उठाकर अपने साथ उपचार के लिए महिला अस्पताल लेकर पहुँचे । जहाँ आशा कर्मी महिला समेत डॉक्टरों ने नवजात शिशु की नाल काटते हुए उसका उपचार किया।