अलीगढ़(जनमत):- थाना बरला इलाके के मांजरा अलफपुर मैं बेमौसम बारिश ओर आसमान से बरसी ओलावृष्टि का कहर उस वक्त देखने को मिला है। जब एक निर्माणाधीन मकान भारी बारिश और ओलावृष्टि के चलते भरभरा कर गिर गया। बेमौसम बारिश में निर्माणाधीन मकान के गिरते ही उसके नीचे खेल रहे 6 बच्चे मलबे के अंदर दब गए। जिसमें एक मासूम बच्चे की मौके पर ही मलबे में दबकर दर्दनाक मौत हो गई। तो वही 5 बच्चे खून से लथपथ होते हुए गंभीर रूप से चोटिल हो गए। निर्माणाधीन मकान गिरने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई।जिसके बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों के द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए निर्माणाधीन मकान के मलबे में दबे बच्चों को निकालने का काम शुरू किया गया। घंटों की मशक्कत के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए ग्रामीणों द्वारा मलबे के अंदर दवे सभी बच्चों को बाहर निकाला गया ओर उनको उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।
जहां एक बच्चे को डॉक्टर ने देखते की मृत घोषित कर दिया। जबकि तीन अन्य बच्चों की हालत को गंभीर देखते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जबकि 2 बच्चों का अस्पताल में ही उपचार शुरू किया गया। इस दौरान नवनिर्माण मकान की छत गिरने के चलते एक ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल भी मलबे में दब गई। बच्चे की मलबे में दबकर अचानक हुई मौत के बाद परिवार लोगों में चीत्कार और कोहराम मचा हुआ। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना बरला क्षेत्र के मांजरा अलफपुर निवासी शिव सिंह पुत्र कन्ही सिंह के द्वारा अपना नवनिर्माण मकान बनाया जा रहा था। इस दौरान बेमौसम बारिश ओर ओलावृष्टि के चलते मकान की बाहरी दीवारों के किनारे पानी भर गया। निर्माणाधीन मकान की दीवारों में पानी भरने के कारण दीवार सहित निर्माणाधीन मकान की छत भरभरा कर गिर गई। बताया जा रहा है कि जिस वक्त निर्माण भी मकान की छत बारिश में अचानक गिरी उस दौरान निर्माणाधीन मकान के अंदर 6 बच्चे खेल रहे थे। निर्माणाधीन मकान के तेज धमाके के साथ मलबे में तब्दील होने और बच्चों की चीख-पुकार की आवाज सुनकर परिवार के लोगों सहित ग्रामीणों में अफरातफरी और भगदड़ मच गई।
दर्दनाक हादसे को देख मलबे के अंदर दबे बच्चों के परिवार के लोगों में चीख-पुकार और कोहराम मच गया। जिसके बाद लोगों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े और मौके पर पहुंचे ग्रामीणों के द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए निर्माणाधीन मकान के मलबे के अंदर दबे हुए सभी 6 बच्चों को बाहर निकाला गया। लेकिन इस दौरान शिव कुमार की 12 वर्षीय नातिनि रौनक,पुत्र भूरा की मकान की छत के नीचे दब कर मौके पर मौत हो गई।जबकि रिंकी, प्रीति पुत्री भूरा,-आकाश पुत्र टिंकू ,लोकेश पुत्र सोनू ,और नीलम पुत्री महेंद्र मलबे के अंदर दबकर खून से लथपथ होते हुए गंभीर रूप से घायल हो गए। निर्माणाधीन मकान के मलबे में दबे बच्चों को निकालकर परिवार के लोगों द्वारा ग्रामीणों की मदद से उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया और बारिश में निर्माणाधीन मकान गिरने की सूचना ग्रामीणों द्वारा फोन कर पुलिस को दी गई। जहां डॉक्टरों ने एक बच्चे को देखते ही मृत घोषित कर दिया तो वही तीन बच्चे रिंकी आकाश और लोकेश की हालत को गंभीर देखते मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
जबकि दो बच्चों का अस्पताल में उपचार शुरू किया गया। मकान गिरने की सूचना मिलते ही एसडीएम अतरौली अनिल कटियार तहसीलदार उषा सिंह के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके बाद मौके पर पहुंची राजस्व टीम ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया गया। जिसके बाद उन्होंने मृतक बच्चे के परिवार जनों को सांत्वना देने के साथ ही देवी आपदा के तहत 400000 लाख की धनराशि स्वीकृत कराने का भी परिवार वालों को आश्वासन दिया गया। इसके बाद परिवार के लोगों ने सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दिए जाने के आश्वासन के बाद दर्दनाक हादसे में मौत का शिकार हुए 12 वर्षीय बच्चें रोनक को परिवार वालों ने बिना पोस्टमार्टम किए ही दफना दिया गया। हादसे के बाद से मृतक बच्चे के परिवार के लोगों में कोहराम मचा हुआ है। हादसे के बाद से परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल है।