सामाजिक बुराई के खिलाफ 21 देशो की यात्रा करेगा यह शख्स

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गोरखपुर(जनमत)।बाल मजदूरी एक अभिशाप के साथ समाज के लिए कलंक भी है ये एक ऐसा नासूर है जो भारत समेत दुनिया के कई देशो में फैलता जा रहा है हालाकि राहत वाली बातये भी है कि अब इस बिमारी को जड़ से खत्म करने के लिए लोग जागरूक हो रहे है| दिल्ली के रहने वाले आदित्य गोयल ने इस बिमारी को खत्म करने के लिए भारत समेत दुनिया के 21 देशो में लोगो को जागरूक करने के लिए एक अभियान छेड़ रखा है|

जिन हाथों में पढ़ाई की किताबें और खेल के साजो सामान होने चाहिए उन कमजोर हाथों में बाल मजदूरी के रूप में कठिन जिंदगी है । इसी जिंदगी को बदलने के लिए एक शख्स ने चाइल्ड लेबर के खिलाफ मुहिम छेड़ा है। आदित्य गोयल जोकि दिल्ली के कारोबारी है, उन्होंने इस बाल मजदूरी के खिलाफ एक अभियान के तहत लोगों में इसके खिलाफ नफरत पैदा करने और इसे जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है। ये संकल्प आदित्य ने एक कार यात्रा के तौर पर चलाया जो भारत सहित 21 देशों की यात्रा इस सामाजिक बुराई के खिलाफ कर रहे है। यकीन मानिए सुनने में थोड़ा सा अजीब लगेगा लेकिन यह सच है, आदित्य कार से हिंदुस्तान सहित उसके पड़ोसी देश जैसे भूटान ,बर्मा ,बांग्लादेश चाइना ,थाईलैंड और कई यूरोपीय देश जिन में रूस ,कजाकिस्तान ,जर्मनी शामिल है सिर्फ और सिर्फ कार से अपनी ये यात्रा करने जा रहे हैं।

यह कार खुद चलाते हैं जिस पर सभी 21 देशों के झंडों के लोगों बने हुए। ये कार अपने आप में पूरा का पूरा वैश्विक दर्शन कराती है। आदित्य गोयल का ऐसा मानना है कि सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि बाल मजदूरी की समस्या पूरे दुनिया को तबाह कर रही है, जिससे आने वाले समय में बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगना तो तय ही है ,पासपोर्ट के साथ चार पहियों की सवारी अपने आप में एक बेमिशाल हिम्मत का नमूना है। जहां पर इन चार पहियों का साथ जमीन छोड़ देती है वहां पर वह पानी के जहाज का सहारा लेंगे और फिर दोबारा जमीन मिलने पर अपने मकसद के लिये आगे का सफर तय करेंगे।

आदित्य की यह कार्य यात्रा अपने आप में एक बड़ा संदेश लेकर आई है। स्टॉप चाइल्ड लेबर सिर्फ एक लाइन नहीं बल्कि अब यह आदित्य का मकसद बन चुका है। हमने बात की आदित्य गोयल से और जानना चाहा उनके इस अनोखे और जुझारू अभियान के बारे में तो उन्होंने बताया दरअसल यह पूरी की पूरी 21 देशों की यात्रा चाइल्ड लेबर के खिलाफ एक पैगाम है जिसका असर कितना पड़ता है ये तो हमें मालूम नहीं लेकिन इस तरह की हिम्मत इस तरह का जज्बा और इस तरह का जुनून शायद ही आपको कहीं और देखने को मिले। हम आदित्य के स्टॉप चाइल्ड लेबर के सफलता की बात नहीं करेंगे बल्कि हम उस शख्स के शख्सियत को सिर्फ सलाम करेंगे, क्योंकि पत्थर पहले अपने आप को पत्थर करता है, फिर जाकर कुछ उस पर कारीगर करता है,,,,