प्रतापगढ़(जनमत):- सूर्यदेव रविवार को जब डूबने लगे तो बड़ी संख्या में व्रती महिलाओं ने उनको अर्घ्य देकर पूजन किया। महिलाओं ने अपने कुल-परिवार की खुशहाली के संग देश के लिए भी प्रगति, शांति मांगी। डाला छठ व्रत के तीसरे दिन महिलाएं माता छठी का पूजन करने को शाम होने के पहले ही नदी के घाटों पर पहुंचने लगीं। बेल्हा देवी धाम पर हजारों महिलाओं की भीड़ रही। सर्द मौसम के बावजूद भी वह पूजन के लिए नदी के ठंडे पानी में उतर गईं। छठ मइया को मनाने के लिए डाला खरीदकर उसमें पूजन सामग्री सजाकर वह लाईं।
उत्साहित बच्चों के साथ युवा और पुरुष भी पर्व की खुशियों में डूबे रहे। पुरुष भी सिर पर डाला लेकर घाट पर पहुंचे। महिलाओं के साथ पूजन किया। महिलाएं छठ मैया के गीत कुछ इस गुनगुनाती रहीं… सब के बलकवा के दिहा छठी मइया ममता-दुलार, पिया के सनईहा बनईहा मइया दिहा सुख-सार. नारियल-केरवा घोउदवा साजल नदिया किनार, सुनिहा अरज छठी मइया बढ़े कुल-परिवार जैसे ही सूर्यास्त का समय हुआ, महिलाओं ने सूर्य देव की ओर मुख करके उनको अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा की। इसके बाद रात्रि जागरण शुरू किया। भजन-कीर्तन व झांकी का आनंद लिया। प्रसाद के कई स्टाल भी लगाए गए। अब व्रती महिलाओं की रात धाम में ही भजन में बीतेगी, भोर में उगते सूरज का पूजन किया जाएगा।
इसके बाद व्रत पूरा होगा। छठ उत्सव में होने वाली भीड़ को लेकर पुलिस सतर्क रही। छठ पर बेल्हा देवी सई नदी घाट, घुइसरनाथ धाम, हौदेश्वरनाथ धाम, कालाकांकार गंगा घाट व मानिकपुर समेत घाट पर हजारों महिलाओं ने छठ पूजन कर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया।
Reported By:- Vikas Gupta
Posted By:- Amitabh Chaubey