देश/विदेश :- पड़ोसी देश पाकिस्तान का शीर्ष नेतृत्व भारत से वार्ता के लिए लगातार गिड़गिड़ा रहा है। वहीँ देश ने भी सीमापार आतंक पर लगाम कसे जाने से पहले पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं करने से जहाँ साफ इनकार कर दिया है,वहीँ देखा जाए तो एक तरह से भारतीय नीति काम आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 मई को चुनावी जीत हासिल करने के बाद दो बार पाकिस्तानी आग्रह को ठुकरा चुके हैं, लेकिनशुक्रवार शाम को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कश्मीर समेत सभी मुद्दों का हल निकालने को वार्ता शुरू करने की फिर से गुहार लगाई है।
आपको बता दे कि इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर को बधाई देने के लिए लिखे पत्र में ‘सभी अहम मुद्दों’ पर वार्ता शुरू करने की अपील की। इमरान खान का पत्र भारत की तरफ से अगले सप्ताह बिश्केक में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में उनकी और पीएम मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात की संभावनाएं पूरी तरह खारिज करने के अगले दिन आया है। हालाँकि पाकिस्तान की दोहरी नीति से पूरा विश्व अवगत है, इसी वजह से भारत अपनी शर्तों के साथ ही पाकिस्तान से बात करेगा और बिना आतंकवाद पर बड़ा कदम उठायें भारत किसी भी प्रकार की बातचीत पकिस्तान से नहीं करने वाला. आपको बता दे की इस समय पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति जहाँ दिन प्रतिदिन बत से बत्तर होती जा रही है वहीँ भारत पाक के लिए एक बड़ा सहयोगी जरूर बन सकता है.