लखनऊ (जनमत):- उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशक प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद के केजीएमयू का कुलपति नियुक्त किए जाने के बाद संस्थान में निदेशक पद रिक्त हो गया था | केजीएमयू का कुलपति नियुक्त किए जाने के बाद भी प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान निदेशक कार्यभार संभाल रही थी | जिसके लिए आवेदन मांगे गए थे।जिसके लिए कई प्रोफेसरों द्वारा आवेदन किया गया था | करीब एक दर्जन से अधिक लोगों के साक्षात्कार के बाद तीन वरिष्ठ प्रोफेसरों का चयन हुआ था | इसमें से केजीएमयू , नई दिल्ली एम्स और पटना एम्स के एक-एक प्रोफेसर का नाम शामिल था।
इन तीनों प्रोफेसरों के नाम को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजा गया था, जिसमें से प्रोफेसर सीएम सिंह के नाम पर राज्यपाल ने मोहर लगाई। वह संस्थान की नियमावली के अनुसार 5 साल अथवा 65 वर्ष की आयु तक लोहिया संस्थान के निदेशक पद पर कार्यरत रहेंगे।प्रोफेसर सीएम सिंह उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के रहने वाले है| वे एम्स के कम्युनिटी मेडिसीन विभाग में अध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे| वर्ष 1991 में प्रोफेसर सीएम सिंह ने कानपुर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था। झांसी के कॉलेज से उन्होंने एमडी की पढ़ाई की। वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में सीनियर रेजिडेंट भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं प्रोफेसर सीएम सिंह ने सैफई में भी 6 सालों तक अपनी सेवायें दी है |
नव नियुक्त निदेशक डॉ. सीएम सिंह का कहना है कि हमारी प्राथमिकता होगी कि मरीजों का इलाज संस्थान में ही हो। मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर न किया जाए। साथ ही संस्थान में संचालित इमरजेंसी सेवाओं को भी बेहतर किया जाए। मरीजों को रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी में 24 घंटे जांच और रात में सीटी स्कैन की सुविधा मिले। डॉ. सिंह के मुताबिक न्यूरो साइंस सेंटर का काम जल्द पूरा होगा।
Reported & Published By- Ambuj Mishra/ Shailendra Sharma