ललितपुर (जनमत):- सिंचाई निर्माण खंड प्रथम में वर्क ऑडर का जबरदस्त खेल चल रहा है, इसमें कागजों पर कार्य दिखा कर ऐसे कार्य कराए जाते हैं, जो धरातल पर दिखाई नहीं देते हैं। मार्च में जबरदस्त खेल हुआ है। खेल इतना लंबा है कि विभाग इसकी सूचना भी नहीं दे पा रहा है। कई लोगों ने लाखों रूपये से की धनराशि के कार्यों का ब्यौरा मांगा है, लेकिन खेल इतना लंबा है कि विभाग सूचना अधिकार अधिनियम में यह सूचना नहीं दे रहा है।
सिचंाई निर्माण खंड प्रथम इन दिनों भ्रष्टाचार का चरम पर पहुंच गया है, अधिशाषी अधिकारी का सेवानिवृत्ति का समय नजदीक है, इससे वह सरकारी धन के दोहन में लगे हुए हैं। इससे पहले इन्हें निर्माण खंड द्वतीय का चार्ज मिला था, इन्होंने लाखों रूपये की निविदा मोटी कमीशन के चक्कर में पूल बनाकर दिया था, तो वहीं जो धनराशि बची थी। उसके उन्होंने वर्क ऑडर से कार्यादेश जारी कर दिए। साथ ही लग्जरी गाड़ी बुकिंग कर दी, इसके बाद जब वहां पर शासन ने स्थाई रूप से अधिशाषी अभियंता को भेजा है। तो उन्होंने डिवीजन में भ्रष्टाचार को देखते हुए, सारी निविदा प्रक्रिया को निरस्त कर दिया था। यह चर्चा जनपद में आम बन गई थी, तो वहीं विभाग में इस प्रकरण को काफी दिनों तक याद किया गया। लेकिन सिंचाई निर्माण खंड प्रथम में अभी भी भ्रष्टाचार बदस्तूर चालू रखा है।
राजघाट बांध का भी इनके पास चार्ज, वहां पर आनी वाली धनराशि का भी हो रहा दोहन
वर्तमान में राजघाट बांध परियोजना के मेटनेंस की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश को सौंपी गई है, इसके देखरेख की जिम्मेदारी सिंचाई निर्माण खंड प्रथम को सौंपी गई है। इसके लिए बेतवा रिवर्स बोर्ड से लाखों रूपये की धनराशि भेजी जा रही है। इस धनराशि का दोहन कर यहां वर्क ऑडर कर दोहन किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर इसके कार्य नहीं दिखाई दे रहे हैं।
REPORTED BY – SURYA KANT SHARMA
PUBLISHED BY – GAURAV UPADHYAY