किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का “आयोजन”….

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लखनऊ (जनमत):-  सी.एस.आई.आर.-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ समय-समय पर औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती के प्रति रुचि रखने वाले किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। इसी क्रम में सिडबी के सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज दिनांक 09.07.2024 को सीएसआईआर-सीमैप के पूर्व कार्यकारी निदेशक व पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. आलोक कालरा की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यक्रम में देश के 10 राज्यों से 31 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं ।
​पूर्व कार्यकारी निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए संबोधित किया और कहा कि सीएसआईआर-सीमैप लगभग 62 वर्ष से औषधीय एवं सगंध पौधों मे अनुसंधान एवं विकास कार्य कर रहा है, जिसके अंतर्गत नई-नई प्रजातियों का विकास किया गया है जिनसे अधिक पैदावार मिलती है।

विश्व स्तरीय मांग को देखते हुए इनकी खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होने आगे बताया कि औषधीय एवं सगंध पौधों का विश्व व्यापार 62 बिलियन है और यह बढ़कर वर्ष 2050 तक 50 ट्रिलियन होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती को अनउपजाऊ भूमियों मे सफलतापूर्वक की जा सकती है। इन फसलों को परम्परागत फसल चक्र मे समाहित कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। उन्होने प्रतिभागियों से यह भी निवेदन किया कि इन फसलों की खेती के साथ-साथ वैल्यू-एडिशन मे भी काम करें।

उन्होंने यह भी बताया कि औषधीय एवं सगंध पौधों के व्यापार मे आगे बढ्ने की अपार संभावनाएं हैं, सीएसआईआर-सीमैप द्वारा विकसित तकनीकों पर आधारित हर्बल उत्पादों को सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ मे स्थित इंक्यूबेसन फेसीलिटी से निर्माण कर बाजार मे बिक्री कर सकते हैं।

​उन्होने आगे कहा कि अगले दो दिन चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीमैप के वैज्ञानिक आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती पर विस्तार से चर्चा करेंगे तथा साथ ही प्रसंस्करण एवं भंडारण की तकनीकियों पर भी चर्चा करेंगे जिससे किसानों के उत्पादन को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता को बनाया जा सके और उसका अधिक तथा उचित मूल्य किसानों को मिल सकें। साथ ही साथ उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने की भी बात कही।

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…