डॉ.दीपिका ने “इंट्रोडक्शन ऑफ ए माइक्रोबायोलॉजी” किताब लिख कर शिक्षा जगत में बनाई अपनी पहचान

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कानपुर/जनमत। वर्तमान समय में लड़कियां हर दिन नए आयाम लिख रही हैं। आज की तारीख में उन्होंने हर विधा और क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है। कुछ ऐसा ही करके दिखाया है कानपुर की डॉ.दीपिका शुक्ला ने। महाराणा प्रताप डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर व डेंगू विषय पर पीएचडी कर चुकीं डॉ.दीपिका शुक्ला ने गुरुवार के दिन राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर “इंट्रोडक्शन ऑफ ए माइक्रोबायोलॉजी” विषय पर अपनी पहली किताब का अनावरण कर शिक्षा जगत में धाक जमाई है। इस विशेष उपलब्धि में उनकी पीएचडी एचओडी और पीएचडी छात्रों ने भी अहम भूमिका निभाई।

अपनी उपलब्धि पर बेहद प्रसन्न डॉ.दीपिका शुक्ला ने विशेष बातचीत में बताया कि मेरी हर सफलता में मेरी मां का हाथ है, जिन्होंने हर कदम पर पर मेरा साथ दिया। साथ ही मेरे भाई और बड़ी बहन डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने भी मेरा हर वक्त हौसला बढ़ाया, जिसकी बदौलत आज मैं अपनी किताब लिखने में कामयाब हो पाई हूं। मैं अपनी पीएचडी हेड और पीएचडी छात्रों का भी धन्यवाद देना चाहूंगी जिन्होंने इस सपने को साकार करने में साथ दिया। मैं युवाओं खासतौर पर लड़कियों को यही महत्वपूर्ण सलाह देना चाहूंगी कि यदि अपना लक्ष्य निर्धारित करके मेहनत करेंगे तो सफलता सौ फीसदी मिलेगी। साथ ही दूसरों के कहने पर कभी भी अपनी योजना नहीं बनाएं। जो भी करें अपनी कार्य क्षमता और दक्षता के मुताबिक करें।

डॉ. दीपिका शुक्ला की उपलब्धियां –

1.माइक्रोबायोलॉजी (वायरोलॉजी, डेंगू वायरस) एमफिल (जीवन विज्ञान) एमएससी (माइक्रोबायोलॉजी) बीएससी (माइक्रोबायोलॉजी)।
2.यूपी-यूके माइक्रान की आजीवन सदस्यता
3.माइक्रोकॉन-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समीक्षा और एशियाई जर्नल लेख (3) प्रकाशित। शोध आलेख (15) अंतर्राष्ट्रीय में भाग लिया और राष्ट्रीय सम्मेलन पोस्टर प्रस्तुतिकरण (5) मौखिक प्रस्तुतिकरण
4.प्रसार कार्य (आईआईएसआर, लखनऊ)। परियोजना कार्य (KDUSS, कानपुर)।
5.मानव वायरल का आणविक निदान, जीनोम प्रशिक्षण (एम्स रायपुर)।
6.राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड के लिए प्रयोगशाला पर परीक्षण और अंशांकन।
7.कोर्स (रामा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल)। एक और माइक्रोबायोलॉजी प्रक्रिया के अंतर्गत पुस्तक प्रकाशन की कतार में।
8.नर्सिंग में शिक्षण का अनुभव, कॉलेज (एमपीसीएन कानपुर)।
9.सहायक प्रोफेसर, विभाग ऑफ माइक्रोबायोलॉजी (डीजी पीजी कॉलेज, कानपुर) आंशिक कार्यरत।
10.विश्लेषणात्मक और रसायन विज्ञान तकनीक प्रशिक्षण (आईआईटी कानपुर)।

SPECIAL REPORT BY – ABHILASH BHATT

PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR