हाथरस/जनमत। जिले में कावड़ियों की सुरक्षा से लगातार खिलवाड़ हो रहा है। जबकि उच्च अधिकारी नित्य सुरक्षा योजनाएं बनाने में लगे हुए है तो वहीं अधिकारियों के अधीनस्थ उसको अमलीजामा पहनाने में लापरवाह दिखाई दे रहे है। यह लापरवाही फिर किसी बड़े हादसे को न्यौता दे सकता है। बतादें कि हाथरस में कावड़ियों के मार्ग पर चलने वाले खनन में लिप्त डंपर किसी बड़े हादसे को न्यौता दे सकते है। जबकि 2 वर्ष पूर्व जुलाई 2022 के इसी महीने में हाथरस में खनन में लिप्त एक डंपर द्वारा दर्जन भर कांवरियों को कुचल दिए गए थे। उस दुर्घटना में मध्य प्रदेश के 6 कावरियों की मौके पर मौत हुई थी। उस मामले में शासन ने तत्कालीन एसपी सहित कई लोगों पर कार्यवाही की थी।
वर्तमान में उच्च अधिकारियों द्वारा कांवरियों की सुरक्षा और खान-पान व स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था की गई है। वहीं अधीनस्थ कर्मचारी नो एंट्री और खनन के डंपरों पर रोक लगा पाने में नाकाम सिद्ध हो रहे है। इसे कर्मचारियों की मिलीभगत कहें या लापरवाही, परन्तु अगर कोई हादसा हो गया तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा ?
REPORTED BY – HOMESH MISHRA
PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR