अयोध्या/जनमत। अयोध्या में सावन मास के दूसरे सोमवार को पवित्र शिवालयों में शिव भक्त कावड़ियों की श्रद्धाभाव से जलाभिषेक करते देखने को मिला। वहीं दूसरी ओर राजा दशरथ द्वारा पूजित क्षीरेश्वर नाथ मंदिर में शिवभक्त अपने आराध्य शिव का अभिषेक सरयू जल और दुग्ध से किया। खास बात यह है की श्रीराम की जन्मभूमि के समीप स्थित क्षीरेश्वर नाथ मंदिर में श्रीराम को पुत्र रूप में प्राप्त करने के लिए राजा दशरथ ने दुग्ध और अक्षत के मिश्रण से शिव का अभिषेक किया था।
बतादें कि श्रावण मास के पवित्र सोमवार के दिन देश के अलग-अलग राज्यों से पहुंचे राम भक्त श्रद्धालु श्री राम के आराध्य शिव का श्री क्षीरेश्वरनाथ मंदिर में पवित्र सरयू नदी और दुग्ध से अभिषेक कर पुण्य फल की प्राप्ति कर रहे हैं। मान्यता है कि महाराजा दशरथ ने भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार श्री राम को पुत्र रूप में प्राप्त करने के लिए यही पवित्र शिवलिंग क्षीरेश्वर नाथ में दुग्ध और अक्षत के मिश्रण से अभिषेक किया था। जिससे क्षीर सागर की उत्पत्ति हुई थी। तभी से इस शिवलिंग को क्षीरेश्वर नाथ शिवलिंग के रूप में जाना जाता है।
यह शिवलिंग अनादि काल से पूजित है। यह शिवलिंग भगवान श्री राम के जन्म भूमि के ठीक सामने स्थित है। जो भक्त रामलला के दरबार में दर्शन करने के लिए आते हैं। वह भक्त श्री क्षीरेश्वर नाथ मंदिर में जरूर आते हैं। यहां बाबा का अभिषेक करते हैं और अपनी मनोकामना भगवान को अर्पित करते हैं। सावन मास में शिव भक्त क्षीरेश्वर नाथ शिवलिंग पर गाय के दुग्ध और सरयू जल से रुद्राभिषेक करते है। शिव का अभिषेक गन्ने के रस,मधु अर्थात शहद से भी रुद्राभिषेक किया जाता है। लोक मान्यताओं के अनुसार भक्त संतान प्राप्ति के लिए क्षीरेश्वर नाथ मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करते है। खास कर पवित्र सरयू नदी के जल से रुद्राभिषेक का महत्व है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशानुसार बहुत ही अच्छी व्यवस्था कांवड़ियों के लिए प्रशासन ने की है। वहीं कावड़ियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम अयोध्या में किए हैं और चप्पे चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर है। हर मठ मंदिरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
REPORTED BY – AZAM KHAN
PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR