लखनऊ (जनमत) :- सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेरोजगारी, भर्ती परीक्षाओं में आरक्षण और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर गुरुवार को विपक्ष को आईना दिखाया। उन्होंने बजट पर चर्चा करते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा के आंकड़े प्रस्तुत किए और सपा के समय और मौजूदा समय में ओबीसी छात्रों के सफलता प्रतिशत में अंतर को समझाया। साथ ही उन्होंने सपा की सरकार में भेदभाव और परीक्षाओं में धांधली को लेकर भी विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा कि आपके समय में जो हाईस्कूल, इंटर और ग्रेजुएशन में थर्ड डिवीजन थे वो एसडीएम की भर्ती में टॉप कर रहे थे।
भर्ती पर कोई नहीं उठा सकता उंगली
उन्होंने कहा कि 2012 से 2017 के बीच में प्रदेश के अंदर उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के माध्यम से कुल 26,394 परीक्षार्थियों का चयन हुआ था। इसमें ओबीसी को मात्र 26.38 फीसदी और एससी को 21.34 फीसदी सीटें मिली थीं। वहीं 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से कुल 46,675 भर्तियां हुई हैं, जिसमें ओबीसी को 38.41 फीसदी और ईडब्ल्यूएस को 3.74 प्रतिशत सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में साढ़े 6 लाख सरकारी भर्ती हुईं जिन पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं, सभी नियमों का पालन करते हुए भर्तियों को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया।
सीबीआई की जांच में भर्ती फर्जीवाड़े का हो जाएगा खुलासा
सीएम योगी ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 2012 से 2017 के बीच अवर अभियंता भर्ती, प्रवक्ता भर्ती, प्राविधिक सहायक भर्ती, राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती, चिकित्साधिकारियों के बैकलॉग की भर्ती समेत तमाम भर्ती परीक्षाएं विवादित रहीं। उस समय के जो लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष थे उन पर किस किस प्रकार की टिप्पणियां हुई हैं ये किसी से छुपा नहीं है। कैसे लोग गुमराह करने का प्रयास करते थे, तथ्यों को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करते थे। आपके समय में जो हाईस्कूल, इंटर और ग्रेजुएशन में थर्ड डिवीजन थे वो एसडीएम की भर्ती में टॉप कर रहे थे। सीबीआई इन सबकी जांच कर रही है, जब उसकी रिपोर्ट आएगी तब हर चीज का खुलासा हो जाएगा।
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…