लखनऊ(जनमत): उत्तर प्रदेश की जेलों से अपराधियों द्वारा वीडिओ बनाकर वायरल होने की तमाम घटनाओं के बाद अब जेलों में बंद शातिर बदमाशों पर शिकंजा कसना शुरू हो चुका है। हाल ही में नियुक्ति किये गए एडीजी जेल आनंद कुमार की सख्ती के बाद जिला और पुलिस प्रशासन भी सख्त हो चुका है। यही वजह है जेल में बंद बदमाशों द्वारा किसी भी तरह की घटनाओ को रोकने के लिए लखनऊ की पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने गोसाईगंज स्थित जिला जेल में एक साथ छापेमारी की। अचानक हुई छापेमारी के बाद जेल में हड़कम्प जैसी स्थिति बनी रही।
बता दे कि हाल में प्रदेश की कई जेलों से अपराधियों द्वारा बनाये गए तमाम वीडिओ सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। इसके अलावा प्रदेश की जेलों में लम्बे अरसे से बंद अपराधियों की भी जेल से ही जरायम की दुनिया में सीधी दखलंदाजी थी। बदमाशों द्वारा रंगदारी और फिरौती जैसी संगीन वारदातों को अंजाम देने के लिए जेल से ही ताना – बाना बुना जाता था। यूपी की बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बंजरंगी की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या करने की घटना भी इसी का परिणाम थी। ऐसे ही तमाम घटनाओ के बाद जेल में छापेमारी हुई तो मोबाइल और हथियार बरामद होने के साथ ही कई अन्य आपत्तिजनक सामान जेल से बरामद हुए।
पूर्व में बदमाश अतीक अहमद के गुर्गो द्वारा लखनऊ के कोतवाली कृष्णानगर इलाके से कारोबारी के अपहरण के बाद उसकी बेरहमी से पिटाई और रंगदारी वसूलने की घटना ने भी योगी सरकार की फ़ज़ीहत कराई। हालांकि इस मामले में लखनऊ की कृष्णानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था और बाद में इसी मामले में सीबीआई ने भी मामला दर्ज कर लिया है। लखनऊ के सीरियल किलर भाई सलीम, शोहराब और रुस्तम का तो जेल से ही आतंक है। लखनऊ के कोतवाली कैंट इलाके में रहने वाले ये तीनो सगे बेहद कुख्यात किस्म के बदमाश है। ये देश की किसी भी जेल में रहे बावजूद जरायम की दुनिया में इनका सीधा दखल रहता है। जेल से ही अपने गुर्गो के जरिये यह रंगदारी वसूलते है और न देने पर जेल से ही हत्या करा देते है। जेल से ही संगीन वारदातों को अंजाम देने के लिए ताना – बाना बुनने वाले ऐसे ही कुख्यात बदमाशों की फेहरिस्त काफी लम्बी है जिनका जिक्र कर पाना भी सम्भव नहीं है।
प्रदेश के हुक्मरान भी इन सभी बातो से वाकिफ है। योगी सरकार ने तो ऐसे शातिर बदमाशों पर नकेल कसने की लिए उनको राज्य के बाहर की जेलों में भेजने की प्रक्रिया शुरू की लेकिन इन तमाम कवायदों के बाद भी जेलों में बंद बदमाशों का गिरोह सक्रिय है। हालांकि ऐसे गिरोह को तोड़ने और बदमाशों पर अंकुश लगाने के लिए समय – समय पर जेलों में छापेमारी होती रही है। लखनऊ की जिला जेल में भी छापेमारी इसी की मात्र एक कड़ी है। जेल में छापेमारी के दौरान क्या – क्या बरामद हुआ है फ़िलहाल अधिकारियों द्वारा इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई। अधिकारियों के मुताबिक छापेमारी लगातार जारी है।
अमिताभ चौबे
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