करियर (जनमत):- इन दिनों हिंदी साहित्य जगत में एक युवा कवि की रचनाओं ने धूम मचा रखी है जिनका नाम है सुयश कुमार द्विवेदी…. इनकी ओजेस्वी और प्रेरणादायक कवितायेँ जहाँ हृदयविदारक है वहीँ कहीं न कहीं आम जनमानस से खुद को जोड़ने का प्रयास भी करती है, आईये रुबरु होतें है इनकी कृतियों से…..
है घनी यह रात भी,अँधियारा छाया हुआ है,
मानवता को भयभीत करने,कौन यह आया हूँ;
मान मत तू हार, हिम्मत दिखा, तू फिर जीतेगा,
दुनिया में फिर से उम्मीदों का सूरज चमकेगा,
फिर एक नया सवेरा आएगा,
तू फिर से मुस्कुराएगा;
हम लड़ेंगे, नही थकेंगे;
हम जीते है,फिर जीतेंगे
जग में फिर से उजियारा होगा,
फिर से वक़्त हमारा होगा,
फिर से वक़्त हमारा होगा
इंसानियत को फिर से डराने
शत्रु अदृश्य आया हुआ है
बहुतों ने अपनों को खोया
ये समय बहुत रुलाया हुआ है;
मिलकर लड़ेंगे हम सभी यदि,
विजय सुनिश्चित,हमारा होगा;
फिर से वक़्त हमारा होगा,
फिर से वक़्त हमारा होगा ।।