भदोही/जनमत। जनपद भदोही का हाईप्रोफाइल हरिहरपुर शुकुलपुर हत्याकांड भदोही पुलिस के लिए न सिर्फ गले की हड्डी साबित हो रहा है बल्कि इस हत्याकांड ने पुलिस को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा दिया है। सबसे बड़ा और अहम सवाल यह है कि जब संबंधित मामले की मॉनिटरिंग एडीशनल एसपी, सीओ, क्राइम ब्रांच और थाना पुलिस द्वारा की जा रही थी तो बली का बकरा केवल थानाध्यक्ष को ही क्यों बनाया गया। सवाल यह भी उठता है कि क्या थानाध्यक्ष पर निलंबन की कार्यवाही दिखाकर पुलिस के किसी बड़े और जिम्मेदार अधिकारी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। वही पीड़ित परिवार का सवाल है कि जब संबंधित मामले में नामजद एफआईआर की गई तो आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद वापस क्यों छोड़ दिया गया?
बताते चलें कि बीते कुछ समय से जनपद भदोही में एक के बाद एक हत्या की घटनाओं ने पुलिस सतर्कता की पोल खोल कर रख दी है। शुकुलपुर हरिहरपुर हत्याकांड की बात करें तो संबंधित मामले में पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं या यू कहे कि बीते कुछ समय में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से पुलिस खुद सवालों के घेरे में है। वहीं पीड़ित राकेश शुक्ल द्वारा मीडिया में बयान जारी कर आशंका जताई गई है कि पुलिस मामले में लीपापोती करने में लगी हुई है। पीड़ित ने कहा कि उन्हें डर है कि कहीं पुलिस षड्यंत्र के तहत उन्हें ही फर्जी मुकदमे में ना फसा दें।
जानकारों के अनुसार ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के हरिहरपुर शुकुलपुर गांव में बृहस्पतिवार 30 मई 2024 की देर रात इलाहाबाद उच्च न्यायालय से मुकदमे की पैरवी कर घर लौट रहे शेषधर शुक्ल, अनीश और राकेश पर घर से कुछ दूर पहले घात लगाकर बैठे बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। जिसमें बाइक सवार तीनों व्यक्ति घायल हो गए। आनन फानन में तीनों घायलों को जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने शेषधर शुक्ल को मृत घोषित कर दिया जबकि अन्य दो युवकों अनीश और राकेश की स्थिति को गंभीर देखते हुए बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। फिलहाल इलाज के बाद अनीश और राकेश अपने घर पर हैं। घटना के तुरंत बाद एसपी डॉ मीनाक्षी कात्यायन ने एएसपी डॉ तेजवीर सिंह के साथ घटनास्थल स्थल पर पहुंचकर घटना की जानकारी लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए स्वाट, क्राइम ब्रांच व साइबर सेल को जिम्मेदारी सौंपी थी। घटना की वजह प्रधानी चुनाव को लेकर रंजिश बताई गई थी। संबंधित मामले में सात लोगों को हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में छोड़ दिया गया। संबंधित मामले में 1 साल से रंजिश की आग सुलग रही थी। शुकुलपुर गांव में 1 साल पहले मारपीट में कई लोग घायल हो गए थे। जिसमें उपचार के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी। पुलिस ने एक कोटेदार समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था। कुछ के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी की थी। हालांकि संबंधित मामले में जनपद में पुलिस सतर्कता को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। संबंधित मामले में यदि गहनता से जांच की जाए तो कुछ अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आ सकती है। बहरहाल जो भी हो अब देखना यह होगा कि भदोही पुलिस संबंधित मामले में अपने ऊपर उठ रहे सवालों का माकूल जवाब देने में सक्षम हो पाती है या नहीं। बताते चले ज्ञानपुर पुलिस ने कल से ही अनीश शुक्ला को घर से उठा लिया है। अनीश शुक्ला पहले ही विडियो वायरल कर कहा था कि पुलिस मुझ पर बयान बदलने का दबाव बना रही है।
REPORTED BY – ANAND TIWARI
PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR