लखनऊ (जनमत) :- प्लॉट और फ्लैट देने के नाम पर निवेशकों का करोडो रूपये डकार कर विदेश भागने की फिराक में दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे अंसल समूह कम्पनी के निदेशक को सुरक्षा कर्मियों ने धर दबोचा है। आरोपी के खिलाफ लखनऊ पुलिस की ओर से लुकआउट कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। साथ ही कोर्ट ने भी समूह के निदेशकों पर देश से बाहर जाने पर रोक लगाईं थी। बावजूद आरोपी निदेशक दिल्ली हवाई अडडे से लन्दन जाने की फिराक में था तभी वहा पर एयरपोर्ट सुरक्षा कर्मियों द्वारा उसे रोक लिया गया। साथ ही इसकी सूचना लखनऊ पुलिस को भी दी गई। जिसके बाद लखनऊ से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची विभूतिखण्ड पुलिस ने सभी कानूनी कार्रवाई पूरी कर शाम छह बजे की फ्लाइट से आरोपी को लखनऊ ले आई है। यहाँ पूछताछ करने के बाद देर रात को ही प्रणव अंसल को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर दिया गया जहा से उसे 14 दिन की न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस अहम की गिरफ़्तारी के बाद से माना जा रहा है कि मामले में कई और लोगो की गिरफ़्तारी भी जल्द हो सकती है।
बता दे कि लखनऊ में सुल्तानपुर रोड स्थित सुशांत गोल्फ सिटी अंसल एपीआई की हाईटेक टाउनशिप है। आरोप है कि इस योजना के नाम पर अंसल समूह कम्पनी के निदेशकों ने सैकड़ो निवेशकों का करोडो रुपया प्लॉट और फ़्लैट के नाम निवेश तो करवा लिया लेकिन सालो बीत जाने के बाद भी उनको कब्जा नहीं दिया गया। पीड़ित जब कम्पनी के कार्यालय में कब्जा लेने या फिर रूपये मांगने गए तो समूह के निदेशकों द्वारा उन्हें धमकाया गया और उनसे अभद्रता भी की गई। इस मामले में लखनऊ के कई थानों में आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में तकरीबन 24 मुदकमे दर्ज है। इन्ही मामलो को देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि समूह के निदेश विदेश भाग सकते है। इन्ही आशंकाओं को देखते हुए लखनऊ पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ लुकऑऊट कार्नर नोटिस जारी किया था। साथ ही कोर्ट ने भी आरोपियों के विदेश जाने पर रोक लगाईं थी बावजूद समूह के मुख्य निदेशक सुशील अंसल के बेटे प्रणव लन्दन जाने की फ़िराक में थे तभी वहा पर उनको रोक लिया गया और पासपोर्ट जब्त करने के साथ ही लखनऊ पुलिस को भी इसकी जानकारी दे दी गई। बताया जा रहा है कि आरोपी निवेशक को प्लॉट या फिर फ्लैट देने की बात कर उनसे मोटी रकम वसूल लेते थे लेकिन उस वक्त कब्ज़ा नहीं देते थे। निवेशक जब कब्ज़ा देने की मांग करता था तो इसी बीच निदेशकों द्वारा उसी निवेशक की जमीन को दूसरे को और अधिक रूपये लेकर बेच दिया जाता था। मिले हुए रूपये से कम्पनी पहले वाले को रूपये लौटा देती थी। इसी तरह से आरोपियों द्वारा एक चैन बनाकर लोगों से उनकी गाढ़ी कमाई का करोडो रुपया डकार लिया गया था। इस अहम गिरफ़्तारी के बाद और भी गिरफ़्तारी सम्भव हो सकती है।
Posted By :- Ankush Pal