लखनऊ / उत्तर प्रदेश ( जनमत न्यूज़ ): मुंबई में आभूषण शॉप पर लूटपाट करने वाले कोई और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के शातिर बदमाश निकले। यह खुलासा तब हुआ जब लखनऊ में तीन बदमाश स्पेशल टॉस्क फोर्स के हत्थे चढ़ गए। दरअसल एसटीएफ के हत्थे चढ़े बदमाश लखनऊ में भी एक नामी आभूषण शॉप को लूटने की फिराक में थे। गिरफ्तार बदमाशों ने रेकी भी कर ली थी, हालांकि अपने मकसद में काम होते इससे पहले ही बदमाश एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए। गिरफ्तार बदमाशों की कब्जे से एसटीएफ के जवानों को तमाम कीमती आभूषण के साथ ही नगदी और हथियार भी बरामद हुए है। आईजी एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार बदमाशों ने मुंबई के एक आभूषण शॉप पर मौजूद सभी लोगों को गन पॉइन्ट पर लेकर लूटपाट की थी। लूटपाट करने वाले बदमाशों की धरपकड़ के लिए मुम्बई पुलिस ने एसटीएफ से सहयोग माँगा था। मुम्बई पुलिस के अनुरोध पर ही एसटीएफ ने जब जाँच शुरू की तो पता चला कि मुंबई में लूटपाट करने वाले बदमाशों ने यूपी के कई आभूषण शॉप की रेकी की थी और लखनऊ के गोमतीनगर में एक नामी आभूषण की दुकान को शिकार बनाने की फिराक में थे। गिरफ्तार बदमाशों में उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर निवासी विनय कुमार सिंह उर्फ सिंटू सिंह गिरोह का मुख्य सरगना बताया गया है।
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक मुंबई के मीरा रोड स्थित एस कुमार गोल्ड एंड डायमण्ड शॉप में लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया था। मुंबई पुलिस को मिले इनपुट में यह बात निकल कर सामने आई कि लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले बदमाश का संबन्ध उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से है। इसी इनपुट के आधार पर बदमाशों को पकड़ने के लिए मुम्बई पुलिस डीसीपी मीरा भायेंदर, वसई विरार आयुक्तालय, मुंबई द्वारा पत्र के माध्यम से घटना में शामिल बदमाशों की धरपकड़ के लिए एसटीएफ से सहयोग माँगा था। मुंबई पुलिस के अनुरोध पर जब एसटीएफ ने जांच शुरू की तो पता लगा की गाजीपुर निवासी शातिर बदमाश विनय कुमार सिंह उर्फ सिंटू सिंह ने कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका है और कई अन्य वारदातों को अंजाम देने की फिराक में है। विनय सिंह के बारें में और पड़ताल की गई तो पता लगा कि वह अपने साथियों के साथ लखनऊ के गोमतीनगर स्थित एक आभूषण शॉप को निशाना बनाने वाला है।
पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने बताया कि मिली सटीक सूचना के बाद मुम्बई पुलिस और एसटीएफ के जवानों की संयुक्त टीम ने चिनहट के देवा रोड पर घेराबंदी कर तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि विनय कुमार सिंह ने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए वर्ष 1991 में उदयराम को जान से मारने की नियत से गोली मारी थी जिसमें वह बच गया था। हालांकि बाद में 1994 में दोबारा उदयराम की विनय ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले वह कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुका था और 1995 में भी भरत राम नाम के व्यक्ति को विनय ने गोली मारी थी लेकिन वह बच गए थे। विनय सिंह उर्फ़ सिंटू सिंह ने गाजीपुर के सैदपुर में 2001 में सहकारी बैंक कर्मी से लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था।
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक कई अन्य घटनाओं को भी विनय कुमार सिंह ने अंजाम देने की बात कुबूल की है। लूटपाट की किसी भी घटना को अंजाम देने से पहले बदमाशों द्वारा आभूषण शॉप की बहुत बारीक तरीकें से रेकी की जाती थी। शॉप के सुरक्षा कर्मी और अन्य कर्मचारियों से आरोप नजदीकियां बनाते थे और उनसे शॉप की सुरक्षा के बारें में जानकारी लेते थे। साथ ही रेकी के दौरान बदमाश यह भी देखते थे कि घटनास्थल के आस – पास पुलिस के वाहन कहा – कहा खड़े रहते है और उनसे बचकर वारदात को अंजाम देने के बाद कैसे आसानी से फरार हुआ जा सके। सरगना विनय कुमार सिंह के अलावा जौनपुर निवासी दिनेश निषाद और जनपद वाराणसी निवासी शैलेन्द्र कुमार मिश्रा उर्फ बब्लू मिश्रा एसटीएफ के हत्थें चढ़े है। बदमाशों के कब्जे से टीम को अंगूठी और अंगूठी के 46 टुकड़ें, 4 हार, 10 लॉकेट, 2 जोड़ी कंगन, 21 कीमंती स्टोन,आभूषण के 14 ग्राम टुकड़े, हीरे के नग, 5 लाख 27 हजार 4 सौ रूपये की नगदी, काफी संख्या में कारतूस के साथ असलहे, मोबाइल, आधार कार्ड और पैन कार्ड के साथ ही कई अन्य सामान भी बरामद हुए है।
रजनीश छवि, विशेष संवाददाता जनमत न्यूज़ ( लखनऊ )