लखनऊ(जनमत): किशोरियों पर मातृत्व बोझ एक बड़ा ज्वलन्त मुद्दा है और यह समाज के लिए एक अभिशाप भी है। इसी मुद्दे पर समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। यह आयोजन “सोसाइटी फॉर एडवांसमेंट ऑफ विलेज इकोनॉमी” नाम की निजी संस्था की ओर से किया गया था और इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योगी सरकार के चिकित्सा – स्वास्थ्य मंत्री परिवार,मदर और शिशु कल्याण सिद्धार्थनाथ सिंह थे।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किशोरियों की प्रेग्नेंसी अपने आप में एक अपराध है और इसकी रोकथाम के लिए जागरूकता ही एक मात्र विकल्प है। उत्तर प्रदेश ने पिछले कई सालो में अपने सामाजिक विकास के इंडिकेटर्स में काफी सुधार किया है। इसके बावजूद सूबे में टीनएज प्रेग्नेंसी और कम उम्र में मातृत्व एक बड़ा मुद्दा है। इसको दूर करने के लिए किशोरियों के स्वास्थय और उनको दी जाने वाली सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा यह समस्या समाज के पिछड़े वर्ग के लोगो में ज्यादा है।
ऐसे ही समाज के पिछड़े वर्ग के लोगो के लिए स्वास्थय, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास समेत कई मुद्दों पर काम कर रही निजी संस्था “सोसाइटी फॉर एडवांसमेंट ऑफ विलेज इकोनॉमी” की और से किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के मुख्य अतिथि के रूप में यहाँ पहुंचे प्रदेश के हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि किशोरी का विवाह अपने आप में ही एक अपराध है और यह पूरी तरह से अवैध भी है। ऐसे में अगर किशोरी की शादी होती है तो उसे कानूनी हक़ नहीं मिलता है। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच में जाने की जरूरत है और यह जनांदोलन के रूप में होना चाहिए। इसके साथ ही मुख्य अतिथि ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सरकार की ओर से जन – जागरण अभियान चलाया जा रहा है। सेमिनार में सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह के साथ ही इस विषय के अन्य जानकारों ने बाद ने अपने विचार रक्खे।