देश/विदेश (जनमत) :- सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे हाल ही में लद्दाख के दो दिवसीय दौरे से वापस लौटे हैं और उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर फॉरवर्ड लोकेशन पर भई जाकर स्थिति का जायजा लिया था। शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात की और उन्हें लद्दाख क्षेत्र में जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी दी। लद्दाख दौरे के दो दिनों में सेनाध्यक्ष नरवणे ने पूर्वी लद्दाख में पीएलए के साथ पॉइंट पर हुए गतिरोध के बारे में आकलन किया। इसके अलावा उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के साथ एलएसी पर सभी 65 बिंदुओं पर गश्त करने के लिए सैनिकों को निर्देश दिए।
पिछले एक हफ्ते में आईटीबीपी बटालियन के साथ तिब्बत थिएटर के लिए प्रशिक्षित विशेष बलों की अधिक बटालियनों को यह सुनिश्चित करने के लिए शामिल किया गया है कि पीएलए द्वारा किसी भी प्रयास को नाकाम कर दिया जाए। लद्दाख में अब भी तनाव बरकरार है लेकिन 22 जून के बाद से एलएसी पर शांति है। यह जानकारी वरिष्ठ सैन्य कमांडर्स ने दी। जबकि असल में सच्चाई ये है कि सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद चीन की सेनाएं वादे के मुताबिक पीछे नहीं हटी थीं। इसे लेकर भारतीय जवानों ने विरोध जताया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच हिंसा हुई थी।भारी संख्या में दोनों ही पक्षों की सेनाएं एलएसी पर तैनात हैं। हालांकि विदेश मंत्रालय के साथ सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर चीनी राजनयिक ने भारत को गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प के लिए दोषी ठहराया था।
Posted By:- Ankush Pal
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