देश/विदेश (जनमत) :- भारत और चीन के बीच जारी सरगर्मियों और लद्दाख की गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प के बीच एक खुलासा हुआ है. आपको बता दे कि अमेरिकी खुफिया मूल्यांकन के अनुसार, पिछले सप्ताह गलवां घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले का आदेश एक वरिष्ठ चीनी जनरल ने दिया था। झड़प के बाद से ही एशिया के दो सबसे बड़े मुल्कों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। पश्चिमी थिएटर कमांडर के जनरल झाओ जोंग्की और सेना के अन्य दिग्गज अभी भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को सेवा दे रहे हैं। इन्हीं लोगों ने लद्दाख की गलवां घाटी में पीएलए को सैन्य ऑपरेशन करने की अनुमति दी थी। इस घटना में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।
वहीँ जानकारी मिल रही है कि चीनी समक्ष ने नई दिल्ली सहित अमेरिका के अन्य सहयोगियों के आगे चीन के कमजोर पड़ने पर चिंता व्यक्त की थी और उन्होंने पीएलए को सैन्य गतिविधि का आदेश इसलिए दिया ताकि भारत को एक सबक सिखाया जा सके. पिछले सप्ताह जो कुछ हुआ उसके बारे में चीन के बाद के दावों का खंडन किया गया है। साथ ही इस बात की ओर इशारा किया कि यह हिंसक झड़प तनाव का परिणाम नहीं थी, बल्कि यह बीजिंग द्वारा भारत को अपनी ताकत का संदेश भेजने का एक उद्देश्यपूर्ण निर्णय था। हालाँकि इसमें ज्यादा नुक्सान चीन को ही उठाना है.
Posted By:- Ankush Pal
Correspondent,Janmat News.