लखनऊ (जनमत ):- उत्तर प्रदेश सुरक्षा बल के विशेष दस्ते के जवान किसी को अब बिना वारण्ट के गिरफ्तार कर सकेंगे और शक होने पर किसी के घर की तलाशी भी ले सकेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा बल विशेष दस्ते को असीमित ताकतों को लैस करेगी। इसके लिए सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई।
जारी की गई अधिसूचना में सूबे में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल का गठन होने जा रहा है। इस बल को सिविल पुलिस से ज्यादा अधिकार दिए जायेंगे। एसएसएफ का मुख्यालय लखनऊ में होगा और इसके मुखिया एडीजी स्तर के आईपीएस अधिकारी होंगे। सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी होने के बाद ही इस विशेष बल के गठन का विरोध भी शुरू हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने फोर्स के गठन पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि सरकार का यह तानाशाही फैसला है। कांग्रेस इसका विरोध सड़क से लेकर सदन तक करेगी।
उत्तर प्रदेश में बढ़ते संगीन अपराधों पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में तमाम ऐसे कड़े फैसले लिए गए। इनमे से एक फैसला गौतमबुद्ध नगर और लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू करना भी है। इसके लागू होने के बाद यह माना जा रहा था कि अपराधों पर नकेल लगेगी। हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में जिस तरह से संगीन अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है उससे विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार पर खूब जुबानी हमला बोला।
विपक्षी पार्टी के हमलो के बाद भी सत्ता पर काबिज पार्टी पर कोई फर्क तो नहीं पड़ा अलबत्ता यह जरूर है कि अपराधों पर पर्दा डालने के लिए सरकार के जिम्मेदारों द्वारा आंकड़ा जारी किया साफ कर दिया जाता है कि सूबे में अपराध बढे नहीं है बल्कि अपराधों में कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों की बाजीगरी और बढ़ते अपराधों पर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जहा सरकार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सरकार को इस पर तत्काल कड़ा फैसला लेने की नसीहत दे डाली तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने वरिष्ठ नेताओं के आवाहन पर योगी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर धरना – प्रदर्शन किया। इन सबके बावजूद पर अड़ियल सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा और वह लगातार कड़े से कड़े फैसले लेती रही। साथ ही सरकारी स्तर पर यह भी कहा जाने लगा कि सभी फैसले जनहित में लिए गए है।
योगी सरकार द्वारा एक और नया फैसला लिया गया। सरकार के नए फैसले के तहत सूबे में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल नाम की एक नई सुरक्षा एजेंसी का गठन होगा। सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। यूपीएसएसएफ को जो सबसे बड़ी पॉवर दी जाएगी उनमे से एक है कि विशेष परिस्थिति में वह किसी को बिना वारण्ट के गिरफ्तार कर सकती है और किसी के घर की तलाशी भी ले सकती है। सरकार के इस फैसले पर राजनीतिक पार्टियों में सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने अपना विरोध दर्ज कराया है। कांग्रेस का मानना है कि यह एक तनाशाही फैसला है और सविधान में दिए गए अधिकारों का हनन है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार में जो नौजवान रोजगार मांगता है, भ्रस्टाचारी अधिकारियों की पोस्टिंग पर सवाल उठाता है और लगातार हो रहे अपराधों पर आवाज़ उठाता है। ऐसे सभी लोगों की आवाज़ को दबाने के लिए यूपी एसएसएफ का गठन किया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी के मुताबिक यूपीएसएसएफ पूरी तरह से असैंवधानिक है। देश का सविधान सभी को अधिकार देता है कि बिना वारण्ट किसी की गिरफ्तारी गलत है। कांग्रेस प्रवक्ता का आरोप है कि लोगों को डराने और धमकाने के लिए यूपी की तानाशाह सरकार ने यूपीएसएसएफ का गठन किया है। कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि बिना वारण्ट किसी की गिरफ़्तारी पूरी तरह से गलत और असैंवधानिक है हम इसकी निंदा करते है। कांग्रेस पार्टी इस कानून के खिलाफ सड़क पर जाएगी। सड़क से सदन तक और संसद तक इस कानून के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।
रजनीश छवि – विशेष संवाददाता ( जनमत न्यूज़ )