देश/विदेश (जनमत) :- जब कोई अध्यापक अपने छात्रों को जीवन की सीख देता हैं तो देशभक्ति के साथ ही राष्ट्र की भावना से ओतप्रोत होकर पढ़ता है, जिससे देश के नौनिहालों के मन में देशभक्ति की भावना जाग्रत हो लेकिन तब क्या हो जब कोई अध्यापक शौर्यता का प्रमाण देते हुए दुश्मन देश की वीरता का प्रमाण दे डाले…. इसी कड़ी में जीएन नेशनल पब्लिक स्कूल के कक्षा चार-ए की ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान पाकिस्तान आर्मी ज्वाइन करने की नसीहत देने वाली शिक्षिका शादाब खानम की ओर से दी जा रही सफाई, किसी के गले नहीं उतर रही है। स्कूल प्रबंधन के मुताबिक शिक्षिका का तर्क प्रथम दृष्टया तो झूठा लग रहा है। दरअसल, दो दिन पहले ही शिक्षिका ने गूगल से अंग्रेजी के नाउन के उदाहरण को कॉपी करके ग्रुप पर डालने की बात स्वीकारी थी मगर गूगल पर नाउन के उदाहरण से जुड़ी कोई भी सूचना अगर सर्च की जाती है तो उसके उत्तर में कहीं भी पाकिस्तान से जुड़े उदाहरण नहीं आते हैं। ये तर्क भी किसी के गले नहीं उतर रहा है.
इस तर्क को स्कूल प्रबंधन ने सत्यापित भी कराया। स्कूल प्रबंधन की ओर से गठित कमेटी ने पहले गूगल पर अंग्रेजी का नाउन लिखकर देखा तो पाकिस्तान से संबंधित कोई स्टडी मैटेरियल नहीं मिला।कमेटी को लगता है कि जानबूझकर विवादित विवादित पाठ्यसामग्री तैयार कराया गया, फिर उसे बच्चों के व्हाट्स एप ग्रुप पर फारवर्ड किया गया। शिक्षिका ने जिस मोबाइल नंबर से स्टडी मैटेरियल भेजा है, वह फॉरवर्डेड दिखा रहा है। इसका मतलब है कि स्टडी मैटेरियल दूसरे मोबाइल नंबर से आया, फिर उसे शिक्षिका ने आगे बढ़ाया। शिक्षिका स्कूल में पिछले 11 साल से स्कूल में पढ़ाने का दावा कर रहीं हैं। क्या वो इतने सालों में गूगल से पाठ्य सामग्री डाउनलोड करके ही बच्चों को पढ़ाती रही हैं, अगर यह सत्य भी है तो यह बिलकुल बेतुका और पढाई के नियमो के विपरीत है.
Posted BY:- Ankush Pal
Correspondent, Janmat News.