लखनऊ (जनमत) :- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रवासी मजदूरों की वापसी को लेकर एक हजार बसें चलाने के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्वीकार तो कर लिया लेकिन इसे लेकर अब सियासत का नया अध्याय भी शुरू हो गया है। इन बसों के संचालन पर प्रियंका और यूपी के सरकार के बीच “लेटर वॉर” जारी है… इसी कड़ी में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से सौंपी जा रही 1000 बसों को लखनऊ भेजने को कहा था। वहीं, आज उन्होंने कहा कि प्रियंका दोपहर 12 बजे तक नोएडा और गाजियाबाद बॉर्डर पर 500-500 बसें भेज दें। इसके जवाब में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त गृह सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि आज शाम पांच बजे तक नोएडा और गाजियाबाद सीमा पर पहुंच जाएगी। कृपया यात्रियों की सूची तैयार रखें।
यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने नया दावा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की सूची की प्रारंभिक जांच में कुछ वाहनों के नंबर थ्री व्हीलर, स्कूटर और सामान ढोने वाले वाहनों के हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा के कार्यालय ने आरोप लगाया कि श्रमिकों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर खड़ी 1000 बसों को दस्तावेज समेत लखनऊ भेजने की उत्तर प्रदेश शासन की मांग राजनीति से प्रेरित है और लगता है कि प्रदेश सरकार मुश्किल में फंसे मजदूरों की मदद नहीं करना चाहती। फिलहाल अब देखना ये होगा की इस जुबानी जंग क्या वास्तव में मजदूरों कोई कोई लाभ मिल पायेगा या फिर मजदूर भी सियासत के मोहरे बनकर रह जाएंगे.
Posted By:- Ankush Pal
Correspondent, Janmat News.