लाइफस्टाइल(जनमत).हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिस से पूरी दुनिया में हर साल हजारों लोगो की मौत हो रही है. इस बीमारी को ले कर लोगो में जागरूकता की कमी कम है. हेपेटाटाइटिस में अलग अलग तरह के संक्रामक रोग होते हैं बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबॉयोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश कुमार सिंह ने बताया की हेपेटाइटिस पांच तरह की होती हैं। हेपेटाइटिस का वायरस खुले वातावरण में कई घंटे तक सक्रिय रहता है।
हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई इसमें सबसे खतरनाक और जानलेवा है हेपेटाइटिस बी और सी। हेपेटाइटिस बी डीएनए वायरस होता है और हेपेटाइटिस सी आरएनए वायरस। संक्रमित व्यक्ति के खून में मौजूद यह वायरस करीब तीन से चार घंटे तक खुले वातावरण में सक्रिय रहता है। इस दौरान स्वस्थ्य व्यक्ति खून के संपर्क में आकर संक्रमित हो सकता है।
उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस से लिवर के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। हेपेटाइटिस डी का इन्फेक्शन उस समय ही होता है जब कोई व्यक्ति पहले से हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हो। इस बीमारी के कारण पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में भी तेजी से गिरावट होती है। संक्रमित लिवर से निकलने वाला प्रोटीन पुरुषों के शुक्राणुओं को तेजी से नष्ट करता है।
इन तरीको से हेपेटाइटिस से बचा जा सकता है
इंजेक्शन, रेजर या टूथब्रश दूसरे का प्रयोग न करें
असुरक्षित यौन संबंध से परहेज करें
खुले घाव को दस्तानों के बगैर न छूए
हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं
शिशुओं को पहले साल में हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं
गर्भवतियों की हेपेटाइटिस बी और सी की जांच कराएं
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