लाइफस्टाइल (जनमत): मुगलकालीन और शाही भारतीय जेवरात नीलाम होंगे। नीलामी 14-18 जून को न्यूयॉर्क में की जाएगी। जेवरातों और शाही सामानों में टीपू सुल्तान का 18वीं सदी का सोने का कलश, शाहजहां का शाही खंजर और हैदराबाद निजाम की बेशकीमती गहने भी शामिल हैं। ऐसे ही करीब 400 से अधिक चीजों की बोली लगाई जाएगी।
सोने का शाही खंजर खास आकर्षण
- नीलामी ग्लोबल ऑक्शन हाउस क्रिस्टीज करा रहा है। जिसका शीर्षक है ‘महाराजा और मुगल वैभव’। बेशकीमती रत्न और करीब 500 साल से अधिक पुराना सजावट का सामान भी नीलामी का हिस्सा बनेगा।
- नीलामी का खास आकर्षण शाही खंजर है, जो कभी मुगल बादशाह शाहजहां की शान कहलाता था। यह मुगल कला का बेजोड़ नमूना है जिसके ब्लेड के ऊपरी हिस्से में सोना लगा हुआ है। इस पर शाहजहां द्वारा ली गई एक उपाधि के साथ ‘नास्तअलीक’ लिपि में एक शिलालेख भी दर्ज है। इसकी बोली करीब 10-17 करोड़ रुपए के बीच लगने का अनुमान है।
- कलेक्शन में पगड़ी से जुड़े आभूषण, नेकलेस, 33 गोलकुंडा हीरे, हैदराबाद निजाम की तलवार है, जिसमें हीरे, रूबी और रत्न जड़े हैं। 33 गोलकुंडा हीरे 8-10 करोड़ और तलवार की नीलामी 6-10 करोड़ रुपए के बीच लगने की उम्मीद है।
- पटियाला माणिक चोकर भी नीलामी का हिस्सा है, जिसे 1931 में मशहूर जूलरी डिजाइन कंपनी कारटियर ने बनाया था। यह इंडियन-वेस्टर्न डिजाइन का मिला-जुला रूप था। जिस पर पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह का मालिकाना हक था।
- ऑक्शन हाउस क्रिस्टीट के मुताबिक, भारत में मुगलकाल का शासन अहम रहा है। इनकी विरासत को हथियार, ज्वेलरी और रत्न जैसे हीरे, नीलम, पन्ना, माणिक के लिए भी जाना जाता था। कलेक्शन में आर्कोट द्वितीय का हीरा भी शामिल है। इसे आर्कोट के नवाब मुहम्मद अली खान वालाजाह ने किंग जॉर्ज तृतीय की पत्नी महारानी शेर्लोट को दिया था।
Posted By: Priyamvada M