रिलिजन (Janmat News): रविवार, 28 जुलाई को सावन माह की पहली एकादशी है। एक हिन्दी माह दो एकादशियां आती हैं। सावन की दूसरी एकादशी रविवार 11 अगस्त को रहेगी। शिवजी के प्रिय माह में आने वाली एकादशी का महत्व काफी अधिक रहता है। रविवार को कामिका एकादशी रहेगी। इस दिन भोलेनाथ के साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा जरूर करनी चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए सावन, एकादशी और रविवार के योग में किन देवताओं की विशेष पूजा कर सकते हैं…
- सूर्य को चढ़ाएं जल
रविवार का कारक ग्रह सूर्य है। इस दिन एकादशी होने से विष्णुजी के साथ सूर्य देव की पूजा जरूर करें। एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय में ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
- शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ाएं
एकादशी पर शिवजी की विशेष पूजा करें। पूजा में बिल्व पत्र, चंदन, धतूरा, चावल, फूल और अन्य पूजा सामग्री के साथ ही जनेऊ भी अवश्य चढ़ाएं। शिवलिंग के सामने बैठकर ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। सूर्यास्त के बाद किसी ऐसे शिव मंदिर जाएं जो एकांत में हो और वहां शिवलिंग के पास दीपक जलाएं।
- भगवान विष्णु को चढ़ाएं पीले वस्त्र
श्रीहरि को पीतांबर धारी भी कहा जाता है यानी विष्णुजी पीले वस्त्र धारण करते हैं। इसीलिए एकादशी पर भगवान पीले वस्त्र चढ़ाएं। एकादशी का व्रत करें। विष्णुजी के साथ ही महालक्ष्मी की भी पूजा करें। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं। परिक्रमा करें। इस दिन जरूरतमंद लोगों को अनाज और धन का दान करें। पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें।