लाइफस्टाइल (Janmat news): वैज्ञानिकों ने 2 हजार साल पुरानी विधि से वो इत्र तैयार किया है जिसे मिस्र की राजकुमारी क्लियोपट्रा लगाती थीं। इसे हवाई (नॉर्थ अमेरिका) के दो विश्वद्यालयों के शोधकर्ताओं ने मिलकर बनाया है। शोधकर्ताओं का कहना है यह आज के इत्र जैसा नहीं है। यह काफी गाढ़ा है और जैतून के तेल जैसा दिखता है।
बेहद तेज खुशबू वाला है इत्र
- शोधकर्ताओं के मुताबिक, इसे तैयार करने में एक दशक से अधिक का समय लगा। काहिरा में हुई रिसर्च के दौरान पुरानी विधियों का अध्ययन किया गया। इत्र को इलायची, जैतून के तेल, दालचीनी और लोबान से मिलकर तैयार किया है। यह तेज खुशबू वाला इत्र है और दूसरे इत्रों के मुकाबले लंबे समय तक इसका असर रहता है।
- शोधकर्ता एटलस ऑब्सक्यूरा का कहना है कभी यह प्राचीन दुनिया का सबसे बहुमूल्य इत्र था। इस इत्र की खोज मिस्र में तीसरी शताब्दी में हुई थी। रसायनों की जांच का काम प्राचीन परफ्यूम प्रयोगशाला में किया गया था। उस दौरान इसे तैयार करने वाले विदेशों से मिट्टी मंगाते थे, जिससे इत्र को रखने के लिए बोतल तैयार की जा सके। 2012 में इसे तैयार करने वाले इंसान का घर खोजा गया था।
- शोधकर्ता प्रो. लिटमैन का कहना है कि दो हजार साल पुरानी विधि से इत्र तैयार करना और इसे सूंघना बेहद अलग अनुभव था, जिसका इस्तेमाल कभी क्लियोपेट्रा करती थीं। शोधकर्ताओं ने इस इत्र को इजिप्ट के तेल-एल तिमाई में रखा था। वर्तमान में इसे अमेरिका के नेशनल जियोग्राफिक म्यूजियम में प्रदर्शनी के लिए रखा गया है।
- जहां इस इत्र की खोज हुई थी, वहां एक भट्टी थी और कुछ सोने-चांदी के जेवरात भी पाए गए। माना जा रहा है कि इत्र के बदले जेवरातों का लेन-देन किया जाता था। शोधकर्ताओं का दावा है कि इत्र को वैसा ही तैयार किया गया है, जैसा क्लियोपेट्रा इस्तेमाल करती रही होंगी। कैलिफोर्निया के परफ्यूम कारोबारी मेंडे आफटेल का कहना है कि मिस्री राजा बेहद अलग किस्म के इत्र का इस्तेमाल करते थे।
Posted By: Priyamvada M