हेल्थ (Janmat News): रक्तदान महादान कहा जाता है, लेकिन इसे लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां रहती है। इसके चलते कई लोग इस महादान का हिस्सा नहीं बन पाते। कुछ लोगों को भ्रम रहता है कि इसके साइड इफेक्ट्स होते हैं, तो कुछ सोचते हैं कि दुबले लोग रक्तदान नहीं कर सकते। वर्ल्ड ब्लड डोनर डे के मौके पर आपको ऐसी ही भ्रांतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके कारण लोग ब्लड डोनेट करने से बचते हैं, जबकि इससे किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है।
5 भ्रांतियों को समझें और रक्तदान करें
भ्रांति 1: दुबले लोग रक्तदान नहीं कर सकते
ये सच नहीं है। दुबले लोग रक्तदान कर सकते हैं और करते आ रहे हैं। बस इतना जरूर है कि अगर आप ब्लड डोनेट करना चाहते हैं तो आपका न्यूनतम वजन 50 किग्रा होना चाहिए। इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है कि आप दुबले-पतले हैं, तो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते। शरीर की बनावट का इससे कोई लेना देना नहीं। अक्सर ऐसा भी होता है कि मोटे लोग ब्लड देने के लिए अयोग्य ठहरा दिए जाते हैं क्योंकि उन्हें कई तरह की बीमारियां होती हैं।
भ्रांति 2: महिलाएं नहीं कर सकतीं रक्तदान
यह बिल्कुल भी सच नहीं है। ब्लड डोनेट करने से पहले आपका हीमोग्लोबिन लेवल जांचा जाता है। हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन होता है जो हमारे खून को लाल रंग देता है और शरीर में ऑक्सीजन का संचार करता है। अगर इस प्रोटीन का स्तर कम है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते हैं। कई बार महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है इसी वजह से उन्हें रक्तदान करने से मना किया जाता है। पर ये बात भी सच है कि भारत में ब्लड डोनर्स में महिलाओं की काफी कमी है। ये सिर्फ 4 पर्सेंट हैं।
भ्रांति 3: रक्तदान करने में तकलीफ होती है
ये सच नहीं है। ब्लड डोनेशन बिल्कुल आसान प्रक्रिया है। ब्लड लेने के लिए नर्स एक छोटी सी नीडल आपकी बांह में इंजेक्ट करती हैं। इसका आपको अहसास भी नहीं होता। इसके अलावा कुछ भी नहीं करना होता है। इस प्रक्रिया के दौरान आपको हल्की सी चुभन महसूस होगी और ट्रांसफर पूरा होने के बाद आप बिल्कुल अच्छा महसूस करने लगेंगे।
भ्रांति4 – शाकाहारी लोगों के लिए रक्तदान करना सही नहीं
ये गलत धारणा है। माना जाता है कि मीट खाने वालों को भरूपूर आयरन मिलता है, जो हीमोग्लोबिन बनाने के लिए जिम्मेदार होता है और हीमोग्लोबिन ज्यादा होने पर ही ब्ल्ड डोनेट किया जा सकता है, लेकिन आपको बता दें कि शाकाहारी लोग भी रक्तदान करने के लिए योग्य होते हैं। भारतीय आहार में कई ऐसे फूड हैं जो आयरन के स्रोत हैं – जैसे पालक, राजमा, किशमिश, चने आदि।
भ्रांति 5: हमारे शरीर में ब्लड सीमित है और दूसरे को खून देना बॉडी के लिए सही नहीं
यह पूरी तरह से गलत है। हमारी बॉडी में स्टेम सेल्स टूटकर खून के कई घटक बनाते रहते हैं। ये सेल्स लगातार बनते हैं क्योंकि ये कुछ घंटों से लेकर 12 दिनों में खत्म हो जाते हैं। जब आप ब्लड डोनेट करते हैं तो आपके शरीर को रेड ब्लड सेल्स में कमी का सिग्नल मिलता है। इससे अतिरिक्त RBCs का निर्माण होता है। ऐसे में ब्लड डोनेशन से खून की कमी बिल्कुल भी नहीं होती, न ही आप बीमार पड़ते हैं
Posted By: Priyamvada M