देश/विदेश (जनमत) :- मध्यप्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तभी से मुख्यमंत्री कमलनाथ अधिकारियों को लेकर सख्त नजर आ रहे हैं। वहीँ दूसरी तरफ नई सरकार के आने के बाद जहां आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर से सरकारी खजाने को करीब 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आपको बता दें कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को हर ट्रांसफर पर वेतन का 80 फीसदी ट्रांसफर ग्रांट के रूप में मिलता है। ट्रांसफर ग्रांट के रूप में ही लगभग 6 से 7 करोड़ रुपये का भुगतान इन अधिकारियों को करना है। ट्रांसफर झेल चुके कई अधिकारी ऐसे भी हैं, जिन्हें दूसरे भत्तों के अलावा 3 से 5 लाख रुपये सिर्फ ट्रांसफर ग्रांट के रूप में मिले हैं।
कुछ आईएएस और आईपीएस अधिकारी तो ऐसे हैं जिनका तीन से चार बार ट्रांसफर किया गया। मतलब वो तीन से चार बार के ग्रांट के हकदार हो गए। कमलनाथ सरकार ने पिछले छह महीने में 450 से ज्यादा आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। सरकार यदि जल्दबाजी में एक ही अधिकारी के बार-बार तबादले और संशोधन करने के बजाय एक बार में नई पदस्थापना करती तो ट्रांसफर ग्रांट, सामान परिवहन, सवैतनिक छुट्टियों के रूप में करोड़ों रुपये के भार से बच सकती थी।