देश/विदेश (जनमत) :- अयोध्या में राम मंदिर का भव्य भूमिपूजन होने जा रहा है। अयोध्या नगरी पूरी तरह से रोशनी से जगमगा रही है लेकिन इस पवित्र आयोजन के बीच अब राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। अब इस पर कांग्रेस पार्टी भी समझ रही है कि इस भूमिपूजन से भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़ा राजनीतिक लाभ मिलने जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस भी इस भूमिपूजन में जनता के सामने खुद को सबसे बड़ा रामभक्त बताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। अब इस मुद्दे पर जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए कांग्रेस को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की याद आने लगी। कभी राम मंदिर आंदोलन का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विरोध करने वाले नेता भी अब पक्के राम भक्त बनते नजर आ रहे हैं।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमिपूजन के पहले कांग्रेस भी राम के रंग में रंग गई है। हालांकि राजीव गांधी के अलावा कांग्रेस के पास ऐसा कोई नेता भी नहीं हैं जिसके सहारे कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर सके। वर्ष 1986 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीर बहादुर सिंह को मनाया और राम जन्मभूमि मंदिर के ताले खुलवाए। और फिर लोगों को भगवान श्रीराम के दर्शन का अवसर मिला। 1985 में दूरदर्शन ने राजीव गांधी के कहने पर रामानंद सागर के रामायण का प्रसारण किया। चेन्नई में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब राजीव गांधी से राम मंदिर पर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि इस पर आम राय बनाने की कोशिशें जारी हैं। अयोध्या में ही राम जन्मभूमि मंदिर बनेगा। अब इस पवित्र भूमिपूजन के अवसर पर राजीव गांधी द्वारा 1986 में उठाए गए कदम कांग्रेस को संजीवनी बूटी के समान लग रहा है। कांग्रेस इस मौके पर इसे बखूबी भुना रही है। जिस पर गाहे बगाहे बयानबाजी भी जारी है. कांग्रेस महासचीव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम सब में हैं और सबके हैं। ऐसे में अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए होने जा रहा भूमि पूजन राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बनना चाहिए।
Posted By:- Ankush, Janmat News.