देश/विदेश (जनमत) :- यह सही है की जीत और हार सब तय करती है. जहाँ हार के लिए दस कमियां जिम्मेदार होती है वहीँ जीत के लिए एक खूबी ही काफी होती है. जहाँ चुनाव नतीजों से पहले विश्व विख्यात टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश को तोड़ने वाला मुखिया बताया था। वहीँ अब प्रचंड जीत के बाद मैगजीन के सुर नरम पड़ गए हैं। टाइम ने प्रधानमंत्री की तारीफों के पुल बांधने वाला एक लेख अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है। जिसका शीर्षक है- मोदी ने भारत को उस तरह से एकजुट किया है जैसे कि कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा अपमानजनक, चोट पहुंचाने वाले और निम्न भाषायी स्तर का प्रदर्शन हुआ। जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने समाज के हर तबके की बात करने की कोशिश की। मोदी के पहले कार्यकाल और चुनाव के दौरान उनकी नीतियों की कड़ी और अक्सर अनुचित आलोचना के बावजूद कोई भी प्रधानमंत्री पिछले पांच दशकों के दौरान उनकी तरह भारत को एकजुट नहीं कर पाया। वहीँ इससे साफ़ है की एक जीत काफी कुछ बदल देती है और हार पर हार सबकुछ बेकार कर देती है.