देश-विदेश (जनमत) :- देश में अगर दो पक्षों के बीच कभी लड़ाई होती है तो जाने अनजाने में एक वक्य का हमेशा प्रयोग होता है, और वो है की – “मैं तुझे देख लूँगा” ….. वहीँ जब इससे जुड़ा मामले गुजरात हाईकोर्ट में पंहुचा तो कोर्ट ने इस पर अपना निर्णय भी सुनाया है. वहीँ इसी मामले में वकील के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करते हुए फैसला सुनाया कि झगड़े के दौरान ये कहना कि ‘मैं तुझे देख लूंगा’ धमकी नहीं है।
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वहीँ इसके साथ ही कोर्ट ने इस वाक्य को आपराधिक धमकी कहने से इनकार करते हुए कहा कि धमकी वह होती है, जिससे दिमाग में कोई डर पैदा हो। वहीँ एक मामले में जब वो अपन मुवक्किल से मिलने गएँ तो पुलिस ने उन्हें उससे मिलने से रोक लिया। जिसके बाद उनकी पुलिस से बहस हो गई। वकील ने गुस्से में पुलिसकर्मियों से कहा कि वह उसे देख लेंगे और हाईकोर्ट में घसीटने की धमकी दी। इसके बाद पुलिस ने वकील के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और अफसर को ड्यूटी से रोकने का मामला दर्ज कर लिया। जिसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में वकील को बरी कर दिया है.