देश/विदेश (जनमत) :- देश के चर्चित निर्भया काण्ड को लेकर जहाँ एक तरफ देश ने रोष जाहिर किया वहीँ इसी के चलते न्यायालय ने दोषियों को फांसी की सजा सुनायी है और इसका दिन भी मुकरर कर दिया है जिसके बाद फांसी की तैयारियों के बीच एक नयी खबर सामने आयी है, बताया जा रहा है की फांसी में देरी हो सकती है। दरअसल दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने पटियाला हाउस अदालत से जारी डेथ वारंट को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे सुनवाई के बाद अदालत ने खारिज कर दिया है। अदालत की इसी बात पर गौर करते हुए दोषी मुकेश के वकील ने अपनी याचिका वापस ले ली, अब वह सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। बता दें कि दोषी के वकीलों ने अदालत से कहा था कि राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज कर देने के बाद भी उसे 14 दिन का समय मिलता है।
अब दोषी के वकील सत्र न्यायालय में डेथ वारंट के खिलाफ याचिका डालेंगे। दरअसल सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि आपको डेथ वारंट के खिलाफ या तो सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था या फिर सत्र न्यायालय।बता दें कि मुकेश ने राष्ट्रपति को दया याचिका भी भेजी थी, जिसे दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को भेज दिया है। दिल्ली सरकार ने इसे खारिज करने की अपील की है। मुकेश के वकील जॉन ने कहा कि दया याचिका खारिज होने के बाद भी उसे 14 दिन का समय दीजिए। जॉन ने कहा कि दोषी ने दया याचिका डाली है उस पर निर्णय होने दीजिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के हिसाब से इसे 14 दिन मिलने चाहिए। तब आपने क्यों नहीं क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका डाली? आप ढाई साल से क्या कर रहे थे? कानून आपको सिर्फ एक उचित समय दे सकता है याचिकाएं डालने के लिए। सिर्फ यही नहीं दया याचिका खारिज होने के बाद भी उसे अपने कानूनी अधिकार को इस्तेमाल करने के लिए समय मिलना चाहिए। एडवोकेट जॉन की दलीलों के बाद जस्टिस मनमोहन ने कहा आपकी आपराधिक याचिका 2017 में खारिज कर दी गई थी। फिलहाल दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने के लिए अब और समय प्रदान किया जा सकता है जिसके बाद फिलहाल निर्धारित तिथि को फांसी टाली जा सकती है.
Posted By:- Ankush Pal