देश/विदेश (जनमत) :- भारत में चीन के सामान के बहिष्कार का सिलसिला शुरू हो चूका है इसी कड़ी में भारत ने कई चीनी एप पर रोक भी लगा दी है, इससे नाराज़ चीन भारत के खिलाफ नई-नई चालें चल रहा है। कभी वह भारतीय जमीन को अपना बता रहा है, तो कभी साइबर अटैक को अंजाम देने का प्रयास कर रहा है। वहीं, भारत को शक है कि चीन हांगकांग और सिंगापुर जैसे किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से देश में माल और निवेश की आपूर्ति करके अनुचित व्यापार व्यवहार में संलग्न हो सकता है।
वहीँ इस मामले से जुड़े लोगों के मुताबिक, हाल के डाटा से पता चलता है कि जिन देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए), तरजीही व्यापार समझौता (पीटीए) या अन्य द्विपक्षीय वाणिज्यिक व्यवस्थाएं हैं, उन देशों के जरिए चीन भारत में सामान और निवेश बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि यह न केवल अवैध है, बल्कि घरेलू उद्योग को भी नुकसान पहुंचा रहा है। बता दें कि, लद्दाख की गलवां घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एशिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इस घटना में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, इस झड़प के बाद से लोग चीनी सामानों के बहिष्कार की बात कर रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि चीन से कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) घटा है, लेकिन कई भारतीय फर्मों ने चीनी निवेश प्राप्त किया है। इसी तरह, हाल ही में चीन से आयात में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन इस दौरान हांगकांग और सिंगापुर से आयात में वृद्धि हुई है। इससे शक और भी गहरा रहा है.
Posted By:- Ankush Pal
Correspondent,Janmat News.