देश विदेश(जनमत):- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 9 लर्निंग एंड डेवलपमेंट “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” (सीओई) की शुरुआत की, जिन्हें यूनियन लर्निंग अकादमी (यूएलए) का नाम दिया गया है। अकादमियों की शुरुआत मुंबई में एमडी एवं सीईओ, सुश्री ए मणिमेखलै ने बैंक की सुप्रसिद्ध मानव संसाधन परिवर्तन परियोजना यूनियन प्रेरणा की पहल के तहत की। शुभारंभ बैंक के सभी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में हुआ जिनमें कार्यपालक निदेशक नितेश रंजन, रजनीश कर्नाटक और निधु सक्सेना उपस्थित थे।
यह परियोजना मौजूदा ज्ञानार्जन और विकास (एलएंडडी) परितंत्र को फिर से डिजाइन करने पर केंद्रित है ताकि कौशल सेट के साथ भविष्य के लिए तैयार प्रतिभा पूल विकसित किया जा सके जो बैंक के विजन को पूरा करके ज्ञानार्जन को समावेशी, अभिनव और प्रेरक बनाता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ये यूनियन लर्निंग अकादमी नेतृत्व विकास, कॉरपोरेट बिजनेस, ऋण, जोखिम प्रबंधन, रणनीति, एग्री-फाइनेंस, विक्रय एवं विपणन, परिचालन और डिजिटलाइजेशन जैसे विशिष्ट डोमेन पर फोकस करेंगे। बैंक ने रणनीतिक रूप से इन सीओई को पूरे भारत में बंगलुरु, मंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद, भोपाल, लखनऊ और गुड़गांव में स्थापित किया है।
शुभारंभ के अवसर पर सुश्री मणिमेखलै ने सभी यूनियनाइट्स के बीच बैंकिंग उद्योग में सर्वोत्तम कौशल रखने के महत्व पर जोर दिया। अकादमी की स्थापना की इस यात्रा को शुरू करने के लिए सभी यूएलए टीम को उन्होंने बधाई दी। उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा आज 18 लाख करोड़ रुपए के कारोबारी आंकड़ा पार करने की उपलब्धि के लिए भी सभी को बधाई दी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को एक सतत ज्ञानार्जन संगठन में बदलने की दृष्टि के साथ यूएलए बैंकिंग उद्योग में अग्रणी कौशल आधारित समर्पित एवं विशिष्ट आंतरिक और साथ ही बाहरी प्रशिक्षकों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
यूएलए बैंक कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण प्रमाणन के साथ-साथ नवीनतम कार्यप्रणाली के द्वारा अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अन्य संस्थानों के साथ भी भागीदारी करेगा। इस शुरुआत के साथ ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक में सभी कर्मचारियों को उनके जीवन भर के लिए व्यक्तिगत करियर पथ के लिए वैश्विक स्तर के सर्वश्रेष्ठ ज्ञानर्जन के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उत्तराधिकारी तैयार करने की आशा करता है।