देश/विदेश (जनमत) :- राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 100वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 100 रुपये के सिक्के का अनावरण किया। कोरोना वायरस की वजह से एक वर्चुअल समारोह के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस सिक्के को देश को समर्पित किया। इस मौके पर उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एकता यात्रा के समय राजमाता ने मेरा परिचय गुजरात के युवा नेता नरेंद्र मोदी के तौर पर कराया था, इतने सालों बाद आज उनका वही नरेंद्र देश का प्रधानसेवक बनकर उनकी अनेक स्मृतियों के साथ आपके सामने है। हम राजमाता के जीवन के हर पहलू से हर पल बहुत कुछ सीख सकते हैं। वो छोटे से छोटे साथियों को उनके नाम से जानती थीं। सामाजिक जीवन में अगर आप हैं, तो सामान्य से सामान्य कार्यकर्ता के प्रति ये भाव हम सभी के अंदर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजमाता ने अपना जीवन गरीब लोगों के लिए समर्पित कर दिया था। उनके लिए राजसत्ता नहीं बल्कि जन सेवा अहम थी।
देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था। राजमाता ने पद और प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जीया, न राजनीति की।ऐसे कई मौके आए जब पद उनके पास तक चलकर आए। लेकिन उन्होंने उसे विनम्रता के साथ ठुकरा दिया। एक बार खुद अटल जी और आडवाणी जी ने उनसे आग्रह किया था कि वो जनसंघ की अध्यक्ष बन जाएं। लेकिन उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में ही जनसंघ की सेवा करना स्वीकार किया। राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था।
Posted By:- Ankush Pal,
Correspondent, Janmat News.