देश विदेश(जनमत) भारतीय रेलवे लगातार अपने यात्रियों को कुछ न कुछ नई और अच्छी सुविधा दे रहा हैं| वही अभी कुछ समय पहले पश्चिम रेलवे ने पहल करते हुए अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस में एक नए अनुभूति कोच में पुस्तकालय की सुविधा देने की सोच रहा हैं| वही ताज़ा खबर के अनुसार अब
जल्द ही रेलवे स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं देने की प्लान की शुरुआत आनंद विहार, चंडीगढ़, पुणे, सिकंदराबाद और बेंगलुरु रेलवे स्टेशनों से होगी। यहां पर अब इंटीग्रेटेड फैसिलिटी मैनेजमेंट कांट्रैक्ट के तहत साफ-सफाई के साथ साथ रिटायरिंग रूम, लाउंज आदि की व्यवस्था संभालने का कार्य अब निजी कंपनियां करेंगी। इनमें बेंगलुरु का फैसिलिटी मैनेजमेंट कांट्रैक्ट को पिछले ही दिनों एक निजी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट किया गया है। आनंद विहार और चंडीगढ़ स्टेशन के कांट्रैक्ट भी इसी महीने अवार्ड किए जाएंगे। इसके लिए आइआरएसडीसी इन्हें इसी महीने अपने हाथ में ले लेगा।
जबकि प्लेटफार्म टिकटों की चेकिंग जैसे कुछ कार्य भी प्राइवेट मार्शलों को सौंपे जाएंगे। वही अभी कुछ समय पहले ही रेलवे ने रेलवे स्टेशन व ट्रेन में टिकट जांचने वाले टिकट कलेक्टर को भी अब पेटीएम व गूगल-पे से चालान की राशि वसूल का रास्ता साफ़ कर दिया हैं। लोहिया के मुताबिक इंटीग्रेटेड फैसिलिटी मैनेजमेंट के अंतर्गत आइआरसीटीसी के लाउंज भी आइआरएसडीसी के कब्जे में आ जाएंगे। मौजूदा अनुबंध समाप्त होने के बाद इन लाउंज के संचालन के अनुबंध दुबारा नए सिरे से दिए जाएंगे।
तदनुसार आइआरएसडीसी ने प्लान में शामिल 50 रेलवे स्टेशनों में से 43 स्टेशनों के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (पीएमसी) कॉन्ट्रैक्ट जारी किए हैं। ये कॉन्ट्रैक्ट सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों- को दिए गए हैं। इस प्लान पर 7500 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश का अनुमान है। रेलवे बोर्ड के इंजीनियरिंग विश्वेश चौबे का कहा हैं कि जमीन के पट्टे को 45 साल से बढ़ाकर 99 वर्ष करने के कैबिनेट के निर्णय से स्टेशन पुनर्विकास प्लान को आगे बढ़ाने में मदद मिली है। निकट भविष्य में अमृतसर, ग्वालियर, साबरमती, ठाकुरली, नागपुर तथा बैयापहल्ली (बेंगलुरु) स्टेशनों के कांट्रैक्ट ईपीसी/पीपीपी मोड में दिए जाएंगे। जबकि सूरत स्टेशन का अनुबंध डीबीएफओटी पर जारी होगा। गांधीनगर, हबीबगंज, चारबाग तथा गोमतीनगर स्टेशन के पुनर्विकास के कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं। गांधीनगर का काम मार्च तक पूरा हो जाएगा। जबकि हबीबगंज के जुलाई तक पूरा होने की आशा है।
इस बीच पुनर्विकास संबंधी कार्यों को इसी महीने शुरु करने के लिए आइआरएसडीसी ने रेलवे फाइनेंस कारपोरेशन से 600 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। अब ये देखना है की रेलवे के इस पहल से यात्री कितना खुस है और उन्हें इस का कितना फैयदा होगा।