देश विदेश(जनमत) भारतीय रेलवे लगातार अपने यात्रियों को कुछ न कुछ नई और अच्छी सुविधा दे रहा हैं| वही अभी कुछ समय पहले पश्चिम रेलवे ने पहल करते हुए अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस में एक नए अनुभूति कोच में पुस्तकालय की सुविधा देने की सोच रहा हैं| ट्रेनों में सफर के दौरान कई बार हार्ट अटैक, सांस या किसी अन्य बीमारी में तुरंत इलाज नहीं मिलने से यात्री की मौत तक हो जाती है।
वही ताज़ा खबर के अनुसार अब जल्द ही रेलवे ट्रेन में यात्रा के दौरान हार्ट अटैक या अन्य बीमारी होने पर अब गार्ड प्रारंभिक इलाज देगा। इसके लिए रेलवे ने एम्स के डॉक्टरों की टीम से फर्स्ट एड बाक्स तैयार कराया है। डॉक्टरों ने रेलवे की रिपोर्ट पर पाया कि ट्रेन में उल्टी दस्त, बुखार, जैसे सामान्य बीमारी के अलावा हार्ट और सांस से संबंधित रोग से पीड़ित यात्री भी यात्रा करते हैं। ऐसे में दिक्कत होने पर उन्हें तुरंत प्रारंभिक इलाज मुहईया कराया जाना जरूरी है।
वही हार्ट अटैक के समय रोगी को एक गोली दी जाती है जिस से रोगी को 1 घंटे तक राहत मिलती है। इससे रोगी को डॉक्टरों के पास पहुंचने के लिए काफी समय मिल जाता है।वही एम्स के डॉक्टरों की टीम ने फर्स्ट एड बॉक्स तैयार किया है, ये बॉक्स ट्रेन में गार्ड के पास और स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के पास रहेगा। चलती ट्रेन में यात्री के बीमार होने पर टीटीई व अन्य स्टाफ चेन पुलिंग करके ट्रेन रोकेगा और गार्ड से दवा लेकर रोगी को मुहईया कराएगा।
एम्स के सलाह के बाद रेलवे सभी प्रमुख शहरों के प्राइवेट डॉक्टरों के साथ अनुबंध कर रहा है, जिस से आहार किसी यात्री की तबियत ख़राब हो तो बीच रास्ते में ट्रेन रोक कर यात्रियों को इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिला कराया जाएगा। वही रेलवे स्टेशन पर निजी डॉक्टरों का नाम पता व मोबाइल नंबर लिखने का निर्देश दिया है।