देश/विदेश (जनमत) :- जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार के फैसले के बाद से ही जहाँ विश्व की ओर से इसे लेकर प्रतिक्रियाएँ आना शुरू हो गयी हैं वहीँ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अनुच्छेद 370 को हटाने वाले विधेयक को लोकसभा में पेश किया। जिसपर तीखी बहस जारी है। जिसपर शाह ने उसने पूछा कि वह बताएं कौन का नियम तोड़ा गया है। वहीं श्रीनगर में इस समय धारा 144 लागू है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने नियमों का उल्लंघन करते हुए रातोंरात एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है।
वहीँ विपक्ष ने आरोप लगाया कि कश्मीर का मामला क्या यह आंतरिक मामला है?हमने शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए। यह आंतरिक मामला या द्विपक्षीय क्या है? एस जयशंकर ने कुछ दिनों पहले माइक पॉम्पियो से कहा था कि कश्मीर द्वीपक्षीय मामला है। इसलिए इसमें हस्तक्षेप न करें। कांग्रेस को जवाब देते हुए शाह ने कहा, ‘जम्मू और कश्मीर भारतीय संघ का अभिन्न हिस्सा है। कश्मीर की सीमा में पीओके भी आता है। जान दे देंगे इसके लिए। मैंने सदन में जब जब जम्मू और कश्मीर राज्य बोला है तब-तब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अकसाई चीन दोनों इसका हिस्सा हैं। ये बात है। संसद को जम्मू-कश्मीर पर कानून बनाने का अधिकार है। वहीँ इसके तहत कानून बनाने से सरकार को कोई रोक नहीं सकता। इसके लिए सरकार पूरी तरह से संवैधानिक रूप से स्वतंत्र हैं.