देश/विदेश (जनमत) :- हैदराबाद के तत्कालीन निजाम से जुड़े 71 साल पुराने मामले में इंग्लैंड और वेल्स की हाईकोर्ट ने निर्णय देते हुए को भारत और हैदराबाद के सातवें निजाम के दो उत्तराधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाया इसी के साथ ही पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे दावे को खारिज कर दिया।आपको बता दे कि 1948 में तत्कालीन निजाम ने लंदन बैंक में 1 मिलियन पाउंड भेजे थे, इन्हीं पैसों के मालिकाना हक को लेकर ये केस चल रहा था। उस वक्त जो 1 मिलियन पाउंड भेजे गए थे, अब वे 35 मिलियन पाउंड (करीब 306 करोड़ रुपए) में बदल चुके हैं। जिसे लेकर कई सालो से यह मामला लंबित चल रहा था.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘‘बुधवार को दिए अपने फैसले में यूके हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज कर दिया कि इस धनराशि को भेजने का उद्देश्य हथियारों को खरीदना या एकमुश्त उपहार देना था।वहीँ इस प्रकरण पर इंग्लैंड न्यायालय ने 1948 में फंड का स्वामित्व सातवें निजाम के पास बताया और उसने जाने के बाद उस पर निजाम के वारिसों और भारत का हक बताया।’’इस विवाद की शुरुआत भारत के विभाजन के वक्त हुई थी।
1948 में हैदराबाद के तत्कालीन निजाम ने लंदन में तत्कालीन पाकिस्तान उच्चायुक्त रहिमतुल्ला के पास करीब 1 मिलियन पाउंड की रकम सुरक्षित रूप से रखने के लिए भेजी। उस वक्त हैदराबाद में निजाम का शासन था। वो भारत सरकार के अधीन नहीं था। लेकिन बैंक ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, क्योंकि वो रकम किसी और खाते में थी।
बैंक का कहना था कि फंड पाकिस्तान के खाते में जा चुका है, ऐसे में उनकी सहमति के लिए इसे बिना वापस नहीं किया जा सकता। हालांकि कुछ ही दिनों बाद निजाम ने धनराशि को अपनी सहमति के बिना भेजे जाने की बात कही और बैंक से अपना पैसा वापस लौटाने के लिए कहा।बैंक के पैसा लौटाने से इनकार करने के बाद 1950 के दशक में निजाम ने बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। यह मामला हाउस ऑफ लॉर्ड्स तक पहुंच गया, जहां उस वक्त फंड के स्वामित्व पर फैसला नहीं हो सका, क्योंकि पाकिस्तान ने संप्रभु प्रतिरक्षा का दावा कर दिया। जो अब बढ़कर करीब 35 मिलियन पाउंड यानी करीब 306 करोड़ रुपए हो गया।इसके बाद से ही येपैसा यूके के नेटवेस्ट बैंक में फ्रीज पड़ा हुआ था। हालाँकि अब इस मामले में आखिरकार भारत के पक्ष की जीत हुई जिसमे इस राशि का बटवारा तीन भाग में करने का फैसला दिया गया है.
Posted By :- Ankush Pal…