देश/विदेश (जनमत) :- कांग्रेस पार्टी से धीरे धीरे बड़े नेता किनारा कर रहें हैं इसी कड़ी में अब गुलाम नबी आज़ाद का नाम भी जुड़ गया है जो कभी इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिंह राव और डॉ. मनमोहन सिंह की सरकारों में केंद्रीय मंत्री रह चुके गुलाम नबी आजाद ने आखिरकार कांग्रेस छोड़ दी। हाल ही के महीनों में कपिल सिब्बल के बाद गुलाम नबी आजाद ऐसे दूसरे बड़े नेता हैं, जिन्होंने कांग्रेस को अलविदा कहा है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके गुलाम नबी कांग्रेस में रहेंगे या नहीं, इसे लेकर तभी से अटकलें लगाई जा रही थीं, जब पार्टी ने उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा था और उनकी विदाई के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने सदन के अंदर उनकी तारीफ कर दी थी। जिसके बाद अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया था.
आपको बता दे कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के उस जी-23 समूह के सबसे प्रमुख चेहरे थे, जिन्होंने राहुल गांधी की नेतृत्व शैली को लेकर सोनिया गांधी से शिकायत की थी। पढ़ें, पांच पन्नों के इस्तीफे में गुलाम नबी ने राहुल गांधी को कैसे घेरा, किस बचकानी हरकत का जिक्र किया और कांग्रेस के अंदर किस धांधली की ओर इशारा किया.. जिस रिमोट कंट्रोल मॉडल ने यूपीए सरकार की सत्यनिष्ठा को तबाह किया, वही मॉडल अब कांग्रेस में भी लागू हो गया। आपके पास सिर्फ नाम का नेतृत्व है, सभी महत्वपूर्ण फैसले या तो राहुल गांधी लेते हैं, या फिर इससे भी बदतर स्थिति में उनके सुरक्षाकर्मी और पीए लेते हैं। वहीँ इसी के साथ ही उन्होंने कई आरोप भी लगायें हैं.
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL..