देश/विदेश (जनमत):- जहाँ एक तरफ आज के समय में लोग अपने माता-पिता को अपने से दूर कर ओल्ड ऐज होम में भेज दे रहें हैं और सालो साल उनकी खोज खबर लेने के लिए भी नहीं पहुचते वहीँ दूसरी तरफ ऐसे बुजुर्ग अपनों की याद के सहारे ही किसी तरह जिंदगी गुजर बसर कर रहें हैं, वहीँ कभी कभी कुछ लोगो के पुकारने भर से ही इनके चेहरे पर रौनक देखते ही बनती हैं और जो सुकून इन्हें मिलता हैं वो भी अमिट हो जाता है. इसी कड़ी में युवा तेजतर्रार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुनील वर्मा ने समाज के सामने मिसाल पेश करते हुए एक अनोखी पहल की है, जिसमे इन्होने अपनी एक वर्षीय बेटी शिवांगी का पहला जन्मदिन सादगी सहित अनोखे अंदाज में वृधाश्रम में बुजुर्गों के सानिध्य में मनाया.
आज के समय के माता-पिता अपने बच्चो के जन्मदिन को भव्य और आधुनिक तरीके से मनाना चहेते हैं और अधिक से अधिक वैभव दर्शाने का प्रयास करते हैं. वही दूसरी तरफ एक प्रशासनिक अधिकारी के जरिये इतने साधारण तरीके से मनाये गए जन्मदिन की सादगी भी देखते ही बनती है. जिसके चलते समाज के सम्पन्न वर्ग को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज के वंचित लोगो के साथ अपनी खुशियाँ साझा करने का अगर कोई मौके मिलता है तो इन्हें भी अपनी खुशियों में शामिल ज़रूर करना चाहिये.
इस दौरान वृद्धाश्रमके 74 वर्षीय बुजुर्ग बिखारी लाल जो लगभग तीन वर्षों से यहाँ पर हैं, जो की संगीत में अपनी रुचि रखते हैं और नृत्य और गायन में निपुण हैं.इनके पास एक रेडियो था जो की बेहद पुराना था, जिसपर सुनील वर्मा की सात वर्षीय बड़ी बेटी स्तुति वर्मा (शोना) ने बिखारी लाल को एक नया चमचमाता हुआ रेडियो भेंट किया, जिसके बाद बिखारी लाल की आँखों में ख़ुशी के आंसूं आ गएँ और इस दौरान उपस्थित वृद्धजनों के चेहरे खिल उठें. जहाँ एक तरफ समाज ने इन वृद्धजनों को समाज की मुख्य धरा से अलग कर दिया वहीँ दूसरी तरफ अपने पिता के संस्कारों के चलते सुनील वर्मा की बेटियों ने अपने जीवन के शुरुवाती दौर में ही अपनी बेटियों को वास्तविकता में समाज सेवा का अनोखा पाठ पढ़ा दिया हैं इससे ये साफ़ है की आने वाले दिनों में ये बेटियाँ अपने माता-पिता का नाम रौशन ज़रूर करेंगी .
POSTED BY:- ANKUSH PAL…
REPORT- ASHISH KUMAR, JANMAT NEWS.