पैसों से न्याय नहीं खरीदा जा सकता है- सुप्रीम कोर्ट

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देश/विदेश (जनमत) :- देश में सर्वोच्च न्यायालय जहाँ न्याय पाने के लिए आखिरी मंजिल होती है और इसका आदेश भी देश के सभी राज्यों पर मान्य होता है, इसी कड़ी में सर्वोच्च न्यायालय ने अपना एक आदेश सुनते  हुए तर्क दिया कि, ‘आप पैसों से न्याय नहीं खरीद सकते हैं।’ इसके साथ ही अदालत ने दोषी की सजा और पांच साल की जेल के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।

आपको बता दे कि फरवरी 2013 में विस्मय की बीएमडब्ल्यू गाड़ी से दो छात्रों की मौत हो गई थी। लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप में उसे निचली अदालत ने दोषी करार दिया है। जानकारी के मुताबिक पैसों के बल पर पीड़ितों के परिवार की आवाज को दबाने की कोशिश करते हुए दोषी के वकील ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ के सामने कहा कि पीड़ित परिवारों को डेढ़ करोड़ रुपये दिए गए हैं और उन्होंने उनके मुवक्किल के खिलाफ दर्ज शिकायत का निपटारा कर लिया है। वकील ने इस दौरान संजीव नंदा और एलिस्टर एंथोनी परेरा के हिट एंड रन मामले का उल्लेख किया।

न्याय दिए जाने को लेकर एक दोषी बुधवार को एक रईस दोषी विस्मय अमितभाई शाह से कहा इस पर पीठ ने कहा, ‘आप पैसों से न्याय को नहीं खरीद सकते हैं।’ अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के 17 फरवरी के फैसले को चुनौती देने वाली शाह की विशेष अवकाश याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अहमदाबाद ट्रायल कोर्ट की जूरी के 13, 2015 को दिए फैसले को बरकरार रखा था।ट्रायल कोर्ट ने शाह को लापरवाही से गाड़ी चलाने का दोषी ठहराया था, जिससे ऑटोरिक्शा में यात्रा कर रहे दो छात्रों की मौत हो गई थी। दोनों छात्र अपने माता-पिता के अकेले बच्चे थे। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर शाह की अपील को खारिज कर दिया था जबकि उसके वकील ने मृतक के माता-पिता के साथ हुए समझौते के कागजात दिखाए थे।

Posted By:- Ankush Pal

Correspondent, Janmat News.