देश/विदेश (जनमत) :- महिलाओं के प्रति बढती दुष्कर्म की वारदात को देखते हुए आंध्र प्रदेश ने बड़ा कदम उठाया है. वहीँ प्रदेश की विधानसभा ने आंध्र प्रदेश दिशा बिल, 2019 (आंध्र प्रदेश आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2019) को पास कर दिया है। जिसके बाद अब दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को तीन हफ़्तों के अन्दर साजा दी जा सकेगी.
इस विधेयक के तहत दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म करने वाले अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिए जाने का प्रावधान किये जाने से सम्बंधित है. इस विधेयक ने फैसला सुनाने की समयसीमा को मौजूदा चार महीने से घटाकर 21 दिन कर दिया है।
इसके अनुसार ऐसे मामलों में जहां संज्ञान लेने लायक साक्ष्य उपलब्ध हों, उसकी जांच सात दिनों में और ट्रायल को 14 कार्यदिवसों में पूरा करना होगा। इस कानून में भारतीय दंड संहिता की धारा 354(ई) और 354 (एफ) को भी रखा गया है। 354 (एफ) धारा में बाल यौन शोषण के दोषियों के लिए दस से 14 साल तक की सजा का प्रावधान है। सोशल या डिजिटल मीडिया के जरिए होने वाले शोषण के मामले में आरोपी को पहली बार दो साल और दूसरी बार चार साल की सजा दी जा सकती है। अगर मामला बेहद गंभीर और अमानवीय है तो उम्र कैद की सजा भी दी जा सकती है।
Posted By :- Ankush Pal