देश विदेश(जनमत):- एक तरफ जहाँ सरकारी फरमान की अनदेखी करना आम हो गया हैं वहीँ इस बार तो अधिकारीयो ने हद ही कर दी| भले ही रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी0के यादव का यह आदेश हो खलासी अब अधिकारियों के बंगले पर सेवा नहीं करेगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा हैं| देश की सरकार जहाँ विकास की परियोजनाओं को तेज करने का दावा कर रही है वहीँ देश के साथ ही पूरे विश्व में सबसे ज्यादा नौकरिया उपलब्ध करने के लिए जाने वाला रेलवे विभाग अब रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के घरों पर काम करने वाले खलासियों या ‘बंगला चपरासियों’ (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) की प्रथा को खत्म करने की सोच रहा है साथ ही साथ बोर्ड अब कोई नई भर्ती नहीं करेगा।
बोर्ड ने गुरुवार को सभी महाप्रबंधकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। दरअसल, रेलवे में बड़े अधिकारी अपने घरों पर कई सारे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीयों को काम पर लगा रखे है| ये कर्मचारी अधिकारीयो की सेवा में लगे रहते हैं| कोई कुत्ता टहलाता है तो कोई बंगले की साफ़ सफाई करता है| नियमानुसार क्लास वन के रेल अधिकारियों को अपने बंगले पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रखने का अधिकार है। बंगले पर 3 वर्ष तक कार्य करने के बाद तैनाती रेलवे कर्मचारी के रूप में हो जाती थी। रेलकर्मी बनने के बाद अधिकारी फिर से दुबारा नई तैनाती कर लेते थे। इससे रेलवे का कामकाज प्रभावित होता था| लेकिन अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीयों की तैनाती बंगले पर नहीं हो पाएगी।
पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के प्रवक्ता ए0के सिंह ने कहा है कि हम लोग रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत करते है आगे उन्होंने कहा कि संघ लगातार इस व्यवस्था को खत्म करने की मांग करता रहा है। यह व्यवस्था पारदर्शी नहीं रह गई थी। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था। पूर्व में धनउगाही की भी शिकायतें आई थीं। आप को बता दे कि अभी कुछ समय पहले एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिस में इज्जतनगर रेल मंडल के पीलीभीत में तैनात एईएन रमेश कुमार सिंह ने एक ट्रालीमैन को अपनी मालिश करने में तैनात कर लिया था| रमेश कुमार सिंह रोज रोज ही सुबह-सुबह इस ट्रालीमैन से अपने शरीर की मालिश करता था|
इस मामले में सबसे जायदा हैरान कर देने वाली बात यह रही की जिन कर्मचारियों की नियुक्ति विभाग के लिए की गयी थी वो अधिकारीयों के घर में कुत्ते घुमाते हुए देखे जा सकते हैं| यहीं नहीं कई कर्मचारी तो घरो की साफ़ सफाई करते हुए भी नज़र आये| इसी के साथ ही एक बार डीआरएम ने अपने अधिकारियो से शपथ पत्र लिए थे की उनके यहाँ बंगले पर ट्रैकमैन, की-मैंन और ट्रालीमैन नहीं है| वही कुछ अधिकारियो ने फर्जी सपथ पत्र दे दियें जबकि ट्रैक मेंटेनेंस का काम करने वाले कर्मचारी अधिकारियो के बंगले में कार्य करते देखे जा सकते हैं|
Posted By:- Amitabh Chaubey