देश/विदेश (जनमत) :- राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का जिक्र किया तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगभग एक मिनट तक मेजे थपथपाईं। वहीं विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया। जिसके कारण राष्ट्रपति के अभिभाषण में व्यवधान पड़ा। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि राष्ट्र निर्माताओं की इच्छा का सम्मान करना हमारा दायित्व है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करके बजट सत्र का आगाज किया। अपने अभिभाषण के दौरान जब उन्होंने कहा, ‘विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि- ‘पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं।
मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करते हुए, विश्व समुदाय से इसका संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह करता हूं।’उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है।’ पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए, समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया। हमारे राष्ट्र निर्माताओं की उस इच्छा का सम्मान करना, हमारा दायित्व है।’राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है।
Posted By:- Ankush Pal