साइंस (जनमत): आंखों से जुड़ी बीमारियों को समझने और रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों ने इसका सबसे बड़ा कलेक्शन तैयार किया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉन्सिन-मेडिसन में जानवरों की आंखों का सबसे बड़ा कलेक्शन है। लैब में करीब 56 हजार से अधिक आंखों का कलेक्शन है।इनमें से 6 हजार नमूने ऐसी प्रजातियों के हैं जो कहां पाई जाती हैं ये अब तक नहीं पता चल सका है।
बचपन में आंखों की रोशनी धुंधली होने के कारण संस्थापक डिक प्रेरित हुए लैब बनाई
- कलेक्शन लैब के संस्थापक डिक डुबेलजिग का कहना है, हर दिन यहां आंखों के 20 नमूने रोजाना आते हैं। मैंने इससे पहले कभी भी आंखों के इतने बड़े संग्रह के बारे में नहीं सुना है, जल्द ही गिनीज रिकॉर्ड के लिए आवेदन करेंगे।
- दुनियाभर के कई दुर्लभ जीवों की आंखें यहां के म्यूजियम में मौजूद हैं। लैब में ज्यादातर कलेक्शन कुत्ते, बिल्ली और घोड़ों के हैं। ये उन लोगों द्वारा भेजे जाते हैं जो हमें आंखों से जुड़ी बीमारियों की जांच करने में मदद करना चाहते हैं।
- डिक डुबेलजिग का कहना है कि मुझे आंखों से लगाव इतना ज्यादा इसलिए है क्योंकि बेहद बचपन में मुझे एक आंख से कम दिखाई देता था। वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान में हम उन जानवरों की आंखों पर रिसर्च कर रहे हैं जो जीका वायरस से प्रभावित हो चुके हैं।
कुछ समय पहले वैज्ञानिकों को पहली बार ओकापी की एक जोड़ी आंखें मिली हैं। ये न्यूयॉर्क के एक चिड़ियाघर की ओर से दी गई हैं। ये खास तरह का जानवर होता है जो जिर्राफ की तरह दिखता है। - वैज्ञानिकों का कहना है वर्तमान में हमारे पास हर तरह के जानवरों और स्तनधारियों की आंखें है जितना आप सोच सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कुत्तों की जितनी आंखें कलेक्शन में हैं उनमें से 50 फीसदी ऐसी हैं जिनमें हाई ब्लडप्रेशर के कारण ब्लीडिंग हुई थी।
मोम की पर्त बनाकर आंख रखते हैं सुरक्षित
- आंखों के नए नमूने आने पर सबसे पहले उनकी तस्वीरें ली जाती हैं फिर उन पर पैराफीन मोम लगाकर स्टोर किया जाता है। इसे ऐसे बॉक्स में रखा जाता है कि माइक्रोस्कोप से देखने पर आंखों की हर जानकारी मिल सके।
–Posted By : Priyamvada M