व्यक्ति-विशेष (जनमत) :- “फर्श” से “अर्श” तक पहुचने का सफ़र जितना संघर्ष भरा रहता है उतना ही दिलचस्प लोगो के संघर्ष की दास्तान होती है. हम बात कर र्रहें हैं रूस के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में जो न सिर्फ रूस के राष्ट्रपति है बल्कि दुनिया के कद्दावर नेताओं में से एक है. 07/10/19 को उनका जन्मदिन है. दुनिया के सर्वाधिक ताकतवर नेताओं में शुमार पुतिन आज 66 साल के हो गए हैं। रूस का विकास और विश्व में बना देश का सम्मान पुतिन की कोशिशों और राजनीतिक समझ की ही देन है। स्टालिन के बाद अगर किसी दूसरे रूसी नेता ने वैश्विक पहचान बनाई है तो वे पुतिन हैं। सात अक्टूबर 1952 को रूस के लेनिनग्राद में जन्मे राष्ट्रपति पुतिन का पूरा नाम व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन है।
इनकी परवरिश बहुत ही मुश्किल भरे हालातों में हुई। वहां स्थानीय लड़कों के बीच मार-पीट आम बात थी, ये लड़के कई बार उनसे बड़े और ताकतवर होते थे। इसी बात ने पुतिन की जुडो-कराटे में रुचि जगाई थी, पुतिन जुड़ो में ब्लैक बेल्ट भी हैं। इसके अलावा पुतिन योग, खेल और घुड़सवारी में भी सक्रिय रहते हैं पुतिन की इस तरह की गतिविधियों को लेकर देश-विदेश में उनकी मॉचो-मैन वाली छवि प्रचलित है। मुश्किल हालातों का सामना कर पुतिन ने कानून की पढ़ाई में स्नातक किया और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी में एक मामूली सा ओहदा हासिल किया।
केजीबी में पुतिन बहुत ही साधारण से पद पर तैनात थे, वहां उनके जैसे हजारों थे। सिस्टम और सोवियत संघ से त्यागे जाने के बाद वे मुख्य राजनीति से किनारे हो गए थे। उस समय मेयर ऑफिस, को एक मजबूत शख्स की जरूरत थी और पुतिन उसमें फिट बैठ रहे थे। केजीबी में काम करने के नाते पुतिन को राजनीति में प्रवेश मिला और उन्होंने अगले दो दशकों तक चलने वाली अपनी राजनीतिक पारी की सफल शुरुआत की। केजीबी में विदेशी खुफिया अधिकारी के तौर पर 15 साल सेवा करने के बाद 1990 के दशक में पुतिन ने राजनीति का रुख किया। 1997 में पुतिन रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन की सरकार में शामिल हुए जहां उन्हें संघीय सुरक्षा सेवा का प्रमुख (प्रधानमंत्री) बनाया गया। 1999 में जब येल्तसिन ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया तो पुतिन कार्यवाहक राष्ट्रपति बना गये।
इसके बाद 2000 और 2004 के राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल की। हालांकि दोनों चुनावों में जीत के बाद वे रूसी संविधान के मुताबिक तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ पाए लेकिन 2012 में हुए चुनाव की जीत हासिल करने के बाद, 2018 के चुनावों में जीतकर वे चौथी बार राष्ट्रपति बने। 1999 से कभी राष्ट्रपति और कभी प्रधानमंत्री के रूप में देश की अगुवाई कर रहे व्लादिमीर पुतिन ने देश को एकजुट किया है।
एक लंबे शासक रहने के बावजूद लोग उन्हें पसंद करते हैं । पुतिन की लोकप्रियता ऐसी है, जो पश्चिमी नेताओं के लिए सिर्फ सपना हो सकता है, वो विश्व के सबसे निडर नेताओं में से एक हैं, इसका परिचय वे अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप से कभी भी विवाद करके देते रहते हैं। विश्व के कद्दावर नेता और भारत के करीबी मित्र के रूप में विख्यात व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन न सिर्फ रूस के बल्कि विश्व के कद्दावर नेताओं में से एक हैं.