किसानों को मिला SC का साथ, बॉर्डर से नहीं हटाए जाएंगे किसान, क्या किसानों का 2024 में होगा 2020 का पार्ट-2 प्रदर्शन

दिल्ली / एनसीआर राजनीति

नई दिल्ली (जनमत) 09 दिसम्बर 2024:  लंबे समय से चल रहे एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार इनकी मांगो को पुरा नहीं कर रही जिसके चलते किसान दिल्ली कूच के लिए डटे हुए है. जिससे याचिकाकर्ता का कहना है कि किसानों के प्रदर्शन से हाईवे को इस तरह ब्लॉक करना लोगों के मूलभूत अधिकारों के खिलाफ है. साथ ही, इसे राष्ट्रीय राजमार्ग कानून और भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध बताया गया था. वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. सर्वोच्च अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि बार-बार एक ही तरह कि याचिका क्यों दाखिल हो रही है? इस सिलसिले में पहले से ही मामला लंबित है, फिर क्यों ऐसी याचिका दाखिल हो रही है?

अदालत ने कहा कि वो इस याचिका को पहले ही से लंबित मामलों के साथ नहीं सुनेगी, इससे खराब संदेश जाता है और हम याचिका खारिज कर रहे हैं. बता दे कि सर्वोच्च अदालत की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की पीठ से किसानों को हाईवे से हटाने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

आपको बता दें कि किसानों को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके बावजूद भी किसान डटें हुए हैं.

फरवरी महीने से शंभू बॉर्डर बंद

इसी बरस फरवरी महीने में हरियाणा की सरकार ने पंजाब से लगे हुए शंभू बॉर्डर को बंद कर दिया था. इसके पीछे का मकसद ये था कि किसान दिल्ली कूच न कर सकें. किसान 2020 में ऐतिहासिक आंदोलन कर चुके हैं जिसके बाद सरकार को तीन कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा था.

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से लेकर अपनी जमीनों के मुआवजा के लिए आंदोलनरत हैं. केन्द्र सरकार में मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री