देश-विदेश (जनमत) :- कांग्रेस के लिए तीन राज्यों में चुनाव जीतने एक प्रकार से संजीवनी के सामान ही था चुकी विपक्ष में रहेंतें हुए चुनाव जितना बड़ी बात है, लेकिन अब इन राज्यों में चुनौती ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही हैं ख़ास तौर से मध्य प्रदेश में चुकी जहां मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर थी जो की आखरी दम तक चली थी, वहीँ मध्य प्रदेश अभी भी कांग्रेस की पेशानियों पर बाल डालने का काम कर रहा है. जहां एक और कांग्रेस ने सहयोगियों और सपा और बसपा के साथ मिलकर सरकार बनाने में सहयोग दिया वहीँ अब मौजूदा सरकार में सहयोगियों की अनदेखी सरकार को भारी पड़ सकती हैं.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पास तकनीकी शिक्षा, जनसंपर्क, रोजगार और उद्योग जैसे पास आठ विभाग रखे है। इसके अलावा गृह विभाग बाला बच्चन को और वित्त मंत्रालय का जिम्मा तरुण भनोट को दिया गया है। बदनावर विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने पार्टी में वंशवाद का मुद्दा उठाते हुए इस्तीफे की धमकी दी थी जिसके बाद उन्हें दिल्ली बुलाया गया है। दत्तीगांव राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे। एक दिन पहले ही दत्तीगांव ने कहा था कि कहा कि क्षेत्र की जनता को इस बार उनके मंत्री बनने की उम्मीद थी मगर वंशवाद की वजह से उनका हक छीन लिया गया। मैं इस अन्याय का बदला इस्तीफे से दूंगा। मंत्री बनने का मुझे शौक नहीं बल्कि यह मेरा हक है और मुझे मेरा हक मिलना ही चाहियें.